झोलाछाप का खतरनाक इलाज: युवक ने लिंग में पहन लिया लोहे का छल्ला, जिला अस्पताल में बची जान...

जगदलपुर (छत्तीसगढ़)। बस्तर जिले के ओरछा क्षेत्र से एक अजीबोगरीब और भयावह मामला सामने आया है। यूरिन इंफेक्शन (UTI) से पीड़ित एक युवक ने झोलाछाप डॉक्टर की गलत सलाह पर अपने गुप्तांग में लोहे का छल्ला पहन लिया। कुछ ही दिनों में हालत इतनी बिगड़ गई कि डॉक्टरों को उसका लिंग काटने की नौबत आ गई। समय रहते जिला अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर युवक की जान बचा ली।

बीमारी से परेशान युवक पहुंचा झोलाछाप के पास

अबूझमाड़ के जाटलूर गांव निवासी युवक लंबे समय से यूरिन इंफेक्शन से जूझ रहा था। पेशाब में जलन, बुखार और सिर दर्द की समस्या से परेशान होकर वह गांव के एक झोलाछाप डॉक्टर के पास पहुंचा। लेकिन जब कोई राहत नहीं मिली तो डॉक्टर ने खतरनाक सलाह देते हुए कहा कि गुप्तांग में लोहे का छल्ला पहन लो, समस्या दूर हो जाएगी।

एक हफ्ते में बिगड़ी हालत, बढ़ी सूजन और संक्रमण

डॉक्टर की सलाह पर युवक ने बाजार से लोहे का छल्ला खरीदा और उसे गुप्तांग में पहन लिया। कुछ दिनों तक तो वह चुप रहा, लेकिन एक हफ्ते में ही गंभीर सूजन और संक्रमण ने उसे परेशान कर दिया। अंगूठी फंस जाने से हालत और बिगड़ गई। घबराकर वह फिर से झोलाछाप के पास गया, लेकिन इस बार उसने इलाज से साफ इनकार कर दिया।

स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल तक संघर्ष

युवक पहले ओरछा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा, मगर वहां संसाधन न होने से कोई इलाज नहीं हो सका। बाद में परिजन उसे किसी तरह जिला अस्पताल जगदलपुर लेकर पहुंचे। मेडिकल ऑफिसर डॉ. हिमांशु सिंह और उनकी टीम ने जांच की और पाया कि अगर तुरंत कदम नहीं उठाया गया तो लिंग काटना पड़ सकता है।

डॉक्टरों ने सुरक्षित निकाला लोहे का छल्ला

डॉ. सिंह ने बताया कि युवक की स्थिति बेहद गंभीर थी। आपातकालीन प्रक्रिया अपनाते हुए टीम ने लोहे की अंगूठी को सुरक्षित तरीके से हटाया। संक्रमण और सूजन का इलाज किया गया और युवक की जान बचाई गई। डॉक्टरों ने कहा कि UTI जैसी बीमारियों का इलाज केवल योग्य चिकित्सक से कराना चाहिए, न कि झोलाछापों से।

ग्रामीणों पर कहर ढा रहे झोलाछाप

ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों का दबदबा लगातार बढ़ रहा है। इलाज की दूरी, जानकारी की कमी और आर्थिक तंगी के चलते लोग इन पर निर्भर हो जाते हैं। ये न केवल गलत दवाइयां देते हैं बल्कि खतरनाक उपाय सुझाकर मरीज की जान खतरे में डाल देते हैं। डॉक्टरों ने प्रशासन से झोलाछापों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है और स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाने पर जोर दिया है।

समाज के लिए बड़ी चेतावनी

यह घटना सिर्फ एक युवक की नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। अंधविश्वास और अज्ञानता के चलते झोलाछाप के पास इलाज कराने से जान भी जा सकती है। जरूरी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाई जाए और लोगों को जागरूक किया जाए कि किसी भी बीमारी का इलाज सिर्फ प्रमाणित डॉक्टर से ही कराएं।

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