
छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले से साइबर अपराध से जुड़ा बड़ा मामला सामने आया है।
कोंडागांव पुलिस ने सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में सोमवार को दो म्यूल अकाउंट धारकों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस जांच में सामने आया कि दोनों के बैंक खातों से ₹51.32 लाख रुपए की संदिग्ध ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की गई थी।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान —

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यामिनी सोरी (21 वर्ष)
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आदिल खान (24 वर्ष)
दोनों जामकोटपारा निवासी हैं।
दोनों ने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया है और उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।
जांच का खुलासा: साइबर ठगी नेटवर्क से जुड़े थे आरोपी
मामले की शुरुआत तब हुई जब डियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने कोंडागांव साइबर सेल को संदिग्ध बैंक खातों की जानकारी दी।
पुलिस जांच में सामने आया कि इंडियन ओवरसीज बैंक के एक अकाउंट से देश के अलग-अलग राज्यों में छह ठगी के मामले दर्ज हैं।
खातों के विश्लेषण में ₹51.32 लाख की अवैध लेनदेन की पुष्टि हुई।
पुलिस के मुताबिक, यामिनी सोरी और आदिल खान ने तेजी से पैसे कमाने के लालच में अपने बैंक अकाउंट साइबर अपराधियों को उपलब्ध कराए।
इसके बदले उन्हें कमीशन देने का वादा किया गया था, लेकिन अब दोनों कानूनी शिकंजे में फंस गए हैं।
पुलिस की सख्त कार्रवाई और चेतावनी
कोंडागांव पुलिस ने आम जनता को आगाह करते हुए कहा —
“अपने बैंक खाते, एटीएम कार्ड, पासवर्ड या ओटीपी किसी के साथ साझा न करें। ऐसा करना साइबर अपराध की श्रेणी में आता है।”
पुलिस ने यह भी चेतावनी दी कि —
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अधिक लाभ के लालच में की गई साझेदारी गंभीर कानूनी परिणाम ला सकती है।
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ऐसे मामलों में बैंक खाते फ्रीज कर दिए जाते हैं और आरोपियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाती है।
क्या है म्यूल अकाउंट? (Modus Operandi Explained)
साइबर अपराधों में “म्यूल अकाउंट (Mule Account)” का इस्तेमाल अवैध पैसों के लेन-देन के लिए किया जाता है।
अपराधी ऐसे लोगों को टारगेट करते हैं जो जल्दी पैसा कमाने की चाहत रखते हैं।
वे उन्हें अपने बैंक खाते को ट्रांजेक्शन के लिए इस्तेमाल करने के लिए लालच देते हैं, और इसके बदले थोड़ी रकम कमीशन के रूप में देते हैं।
लेकिन असल में यह अपराध का हिस्सा होता है — जैसे कि यामिनी सोरी और आदिल खान का केस, जिन पर अब ₹51 लाख की ऑनलाइन ठगी का आरोप है।
न्यायिक रिमांड और आगे की जांच
पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
वहीं साइबर सेल अब यह पता लगाने में जुटी है कि यह नेटवर्क कितने राज्यों में सक्रिय था।
कोंडागांव पुलिस ने कहा कि इस तरह के मामलों में भविष्य में भी सख्त और त्वरित कार्रवाई जारी रहेगी ताकि लोगों के बैंक खाते और डिजिटल ट्रांजेक्शन सुरक्षित रह सकें।
पुलिस की अपील (Cyber Awareness Message)
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किसी भी अनजान व्यक्ति या संस्था के झांसे में न आएं।
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किसी भी संदिग्ध ट्रांजेक्शन की जानकारी तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर सेल को दें।
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अधिक मुनाफे के वादे अक्सर साइबर ठगी का हिस्सा होते हैं।
