भिलाई के हाई प्रोफाइल केस में राजनैतिक सरगर्मी तेज
भिलाई नगर (न्यूज टी 20 )। भिलाई के बहुत चर्चित हाई प्रोफाइल मामले प्रोफेसर विनोद शर्मा पर जानलेवा हमले का आरोपी प्रोबीर शर्मा की पत्नी पूर्णिमा शर्मा के पक्ष में न्यायालय बड़ा फैसला दिया है। भिलाई-3 थाना के प्रभारी महेश ध्रुव और महिला थाना प्रभारी श्रद्धा पाठक के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है।भारतीय न्यायालय ने IG दुर्ग रेंज को FIR दर्ज करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने धारा 127BNS के तहत FIR दर्ज कर कोर्ट को अवगत कराने के कहां है। दोनों थाना प्रभारियों के खिलाफ अलग से विभागीय जांच किए जाने का आदेश भी दिया है। अपराध कमांक 278/2024 थाना पुरानी भिलाई से संबंधित प्रकरण) में महिला चिकित्सक डॉ पूर्णिमा शर्मा की शिकायत पर न्यायालय ने संज्ञान मैं लेते हुए आज डॉ पूर्णिमा शर्मा के पक्ष में फैसला सुनाया ।
न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय में पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग संभाग को पुरानी भिलाई थाना के थाना प्रभारी एवं निरीक्षक महेश ध्रुव और महिला थाना प्रभारी श्रद्धा पाठक के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है तथा दोनो के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारंभ करने का आदेश भी दिया है।
गौरतलब है कि “बहुत चर्चित हाई प्रोफाइल असिस्टेंट प्रोफेसर विनोद शर्मा के साथ हुई मार पीट की घटना की रिपोर्ट पर पुरानी भिलाई थाना मे दर्ज है और विवेचना के दौरान आरोपी प्रोबीर शर्मा एवं धीरज कुमार वस्त्रकार और एक अन्य आरोपी टी. कोटी पवन को भिलाई नगर के निरीक्षक प्रशात मिश्रा अपनी पुलिस टीम के साथ पीठापुरम आंध प्रदेश में 12 जनवरी 2025 को लगभग सुबह 7.30 बजे हिरासत में लिया गया था। डॉ पूर्णिमा शर्मा अभियुक्त प्रोबीर शर्मा की पत्नी है और पीठापुरम में डॉ पूर्णिमा शर्मा भी अपने पति प्रोबीर शर्मा के साथ थी तथा भिलाई नगर के निरीक्षक प्रशात मिश्रा ने डॉ पूर्णिमा शर्मा को भी अभिरक्षा मे लेकर निजि वाहन में बैठाकर उक्त तीनो अभियुक्तगण के साथ सडक मार्ग से महिला आरक्षक के बिना पीठापुरम आंध्र प्रदेश से कोटा छ.ग. होते हुए भिलाई महिला थाना लेकर आए। जहा 13 जनवरी 2025 की सुबह लगभग 3:30-4:00 बजे डॉ पूर्णिमा शर्मा को छोड़ दिए और उसके पति प्रोबीर शर्मा को पुरानी भिलाई थाना न ले जाकर पुलगाव थाना ले गए। डॉ पूर्णिमा ने पुलिस के द्वारा उसकी अवैध अभिरक्षा को चुनौती देते हुए अपनी शिकायत शपथ पत्र के साथ न्यायिक मजिस्टेट प्रथम क्षेणी भिलाई 03 के न्यायालय में प्रस्तुत किया। जिसमे डॉ पूर्णिमा ने न्यायालय को ऐसा बताया की पुलिस के द्वारा अभियुक्तगण को पीठापुरम के न्यायालय मे थाना लेकर जाने के लिए कहा गया तब थाना निरीक्षक प्रशात मिश्रा सीधे भिलाई लेकर आ गए थे र डॉ पूर्णिमा शर्मा को घर भी नहीं जाने दिया तथा उसे भी अभिरक्षा में ले लिया गया और बिना महिला पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में लगभग 20-21 घंटे तक सड़क मार्ग से भिलाई महिला थाना तक लाया गया और उस समय महिला थाना प्रभारी थाना में उपस्थित नहीं थी। सुबह करीब 8.30 बजे थाना पहुंची थी। “उससे डॉ पूर्णिमा ने थाना मे रोक के रखने का कारण पुछा था तब महिला थाना प्रभारी श्रद्धा पाठक ने बताया था कि भिलाई नगर थाना और पुरानी भिलाई थाना के निरीक्षक के कहने पर रोका गया है डॉ पूर्णिमा का दो मोबाईल भी महिला थाना प्रभारी ने अपने पास रख लिया था और 13 जनवरी 2025 को शाम के लगभग 7.00 बजे महिला थाना से डॉ पूर्णिमा को छोड़ा गया। लेकिन उनके दोनो मोबाईल महिला थाना प्रभारी ने वापस नही किया मोबाईल वापस मांगने पर पुरानी मिलाई थाना के निरीक्षक महेश ध्रुव को दे देना बताई। पुलिस वालो ने महिला चिकित्सक डॉ पूर्णिमा शर्मा को अभिरक्षा मे लेने का कोई कारण नहीं बताया और न ही उसके परिजन को सुपुर्द किया था।
न्यायालय के द्वारा तीनो थाना के प्राभरी को डॉ पूर्णिमा द्वारा प्रस्तुत शिकायत का शपथ पत्र भेजा और उसने जवाब भी मांगा न्यायालय के समक्ष 22.01.2025 को तीनो थाना प्राभरी व्यक्तिगत रूप से उपस्थ्ति होकर जवाब प्रस्तुत किये और न्यायालय द्वारा तीनो प्रभरियो से महिला चिकित्सक डॉ पूर्णिमा शर्मा को किस अपराध में और क्यो अभिरक्षा में लेकर 15 घंटो तक बैठाकर रखा गया था इस पर तीनो थाना प्रभरियो ने एक दूसरे पर दोषारोपण करते हुए न्यायालय में अलग-अलग प्रकार का जवाब भी प्रस्तुत किया और तीनो प्रभारीयो को फटकार भी लगाई और तीनों के विरूध विभागीय जाँच प्रारंभ करने के लिए भी निर्देश दिया है इसके अलावा न्यायालय ने थाना प्राभारी महिला थाना भिलाई से 13 जनवरी 2025 को सुबह 3.30 बजे से शाम 7.00 बजे तक का CCTV फुटेज भी मागे जाने पर उस फूटेज के आधार पर भी न्यायालय ने ऐसा पाया कि डॉ पूर्णिमा को थाना में लगभग 15 घटें तक रोक के रखा गया था। महिला चिकित्सक डॉ पूर्णिमा को उसकी मर्जी के विरूद्ध पूछताछ के नाम पर लगभग 15 घंटे तक थाने में बैठा कर रखना हिरासत की श्रेणी में आता है और बिना किसी अपराध के महिला चिकित्सक को
“सूर्यास्त के पश्चात तक महिला थाना में बैठाकर निरूद्रध रखा गया था जो विधि के प्रावधानों के विपरित है और महिला थाना प्रभारी श्रद्धा पाठक एव पुरानी भिलाई थाना के निरीक्षक महेश ध्रुव के विरूध अपराधिक मामला भी बनता हैं और पुलिस महानिरीक्षक को न्यायालय द्वारा निर्देश दिया गया है कि डॉ पूर्णिमा शर्मा को लगभग 15 घंटे तक थाना में बैठाकर निरूध रखा गया है जो सदोश परिरोध का अपराध है और BNS की धारा 127 (1) के अतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया जाए और विधि अनुसार कार्यवाही के उपरान्त दोनो थाना प्राभरी के विरूद्ध अभियोग पत्र भी न्यायालय में पेश कराये जाने का निर्देश दिया है।” न्यायालय के इस फैसले के बाद राजनैतिक सरगर्मी भी बढ़ गई हैं ।