रायपुर / छत्तीसगढ़ में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। खरीफ मौसम के बाद खाली पड़े खेतों में उद्यानिकी फसल लेने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उद्यानिकी विभाग द्वारा सामुदायिक फेंसिंग योजना संचालित की जा रही है। इस योजना में खेतों में फेंसिंग लगाने पर कृषक समूहों को 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है।

सामान्यतः खरीफ फसल (धान) के खेती के बाद कृषकों द्वारा जानवरों को खुला छोड़ दिया जाता है, सुरक्षा के आभाव के कारण किसान चाहकर भी रबी मौसम में सब्जी आदि फसलों की खेती नहीं कर पाते हैं। इस दिक्कत को दूर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा राज्य पोषित सामुदायिक फेंसिंग योजना संचालित की जा रही है।

उद्यान विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रति कृषक समूह में से दो या दो से अधिक सभी वर्गों के लघु-सीमांत कृषक जिनकी भूमि एक चक में हो, इस योजना के लिए पात्र होंगे। योजना में न्यूनतम 0.5 हेक्टेयर एवं अधिकतम 2 हेक्टेयर में फेंसिंग लगाने के लिए सहायता दी जाती है। किसानों को प्रति हेक्टेयर फेंसिंग की लागत एक लाख 8 हजार 970 रूपए का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है तथा शेष 50 प्रतिशत राशि किसान द्वारा स्वयं वहन की जाती है। अधिकारियों ने बताया कि यह योजना ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर संचालित की जा रही है। योजना की विस्तृत जानकारी के लिए उद्यान विभाग के विकासखण्ड स्तर के अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है।

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