दुर्ग जिले से एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां पुरानी भिलाई थाना में पदस्थ आरक्षक विजय धुरंधर को गांजा तस्करी में संलिप्त पाए जाने पर बर्खास्त कर दिया गया है। वर्दी की मर्यादा को कलंकित करने वाले इस कृत्य ने पुलिस महकमे को भी झकझोर कर रख दिया।

डायल 112 की ड्यूटी के दौरान हुआ गड़बड़झाला

3 मार्च को विजय धुरंधर की ड्यूटी डायल 112 पर थी। इस दौरान सूचना मिली कि एक एक्सयूवी कार में तीन बोरियों में गांजा रखा गया है।
जांच के दौरान:

  • आरक्षक विजय धुरंधर और ड्राइवर अनिल कुमार टंडन ने एक बोरी चोरी छिपाकर झाड़ियों में छिपा दी।

  • बाद में उस बोरी को अनिल कुमार के गांव औंधी ले जाकर उसके मकान में छुपा दिया गया।

तस्करों की सूचना से फूटा मामला

गांजा तस्करी के आरोपी तस्करों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी।

  • ड्राइवर अनिल कुमार टंडन की निशानदेही पर गांजा जब्त किया गया।

  • विजय धुरंधर और अनिल कुमार टंडन के खिलाफ धारा 20 (B)(II)(B) एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ और दोनों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।

एसपी ने सुनाया कड़ा फैसला

पुलिस अधीक्षक (SP) विजय अग्रवाल ने पुलिस रेगुलेशन के तहत कार्रवाई करते हुए:

  • गंभीर कदाचार के आरोप में

  • आरक्षक विजय धुरंधर को

  • सेवा से स्थायी रूप से बर्खास्त कर दिया।

एसपी ने साफ कहा कि पुलिस विभाग में अनुशासनहीनता और आपराधिक गतिविधियों के लिए कोई जगह नहीं है।

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