कबीरधाम। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम में सीआईएफ कैंप से रायफल, कारतूस और मैगजीन चोरी करने वाले कांस्टेबल को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी आरक्षक पर चार लाख का कर्ज था। कर्ज से छुटकारा पाने के लिए उसने कैंप में ड्यूटी कर रहे जवान की रायफल, कारतूस और मैगजीन चुरा ली थी।
घटना के बाद आरोपी कांस्टेबल फर्जी सीम से फोन कर जवान से 10 लाख की फिरौती मांग रहा था। नहीं देने पर अंजाम भुगतने की धमकी भी दी थी। जानकारी के मुताबिक, कबीरधाम 3 नवंबर को 17वीं बटालियन छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (CAF) के सरेखा स्थित मुख्यालय कैंप से एक इंसास रायफल, 20 राउंड कारतूस और मैगजीन चोरी हो गई थी। इस गंभीर घटना में शामिल आरोपी आरक्षक नरोत्तम रात्रे को कबीरधाम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपी नरोत्तम रात्रे 17वीं बटालियन का ही आरक्षक है, जो वर्तमान में चिकपाल कैंप, थाना कटेकल्याण, जिला दंतेवाड़ा में पदस्थ है। उसका स्थायी निवास ग्राम धाबाडीह, थाना लवन, जिला बलौदाबाजार है। दरअसल, आरोपी ऑनलाइन जुआ सट्टा खेलने का आदि था और उसके ऊपर लभग 4 लाख रूपये का कर्ज था आरोपी ने अपना कर्जा पटाने के लिए इस घटना की योजना बनाई।
आरोपी ने चोरी की घटना से पहले 1 महीने का अवकाश लिया था। अवकाश के दौरान 15 दिन वह सरेखा कैंप में ही अपने निवास पर रुका, जहां उसने कैंप में रेकी करके रायफल चोरी की पूरी प्लानिंग की । इसके बाद वह अपने परिवार के साथ अपने गांव चला गया। घटना के दिन आरोपी अपने गांव से बाइक लेकर सरेखा कैंप पहुंचा।
3 नवंबर को आरोपी नरोत्तम रात्रे ने कैंप की बाउंड्री के बाहर बाइक खड़ी की और चोरी-छिपे कैंप के अंदर प्रवेश किया। आरोपी पूर्व में सरेखा कैंप में तैनात रह चुका था और वहां की व्यवस्थाओं से भली-भांति परिचित था इसलिए वह ऐसे जगह से कैंप के अंदर दाखिल हुआ कि कोई उसे देख न पाए।
उसने गार्ड रूम में जाकर ड्यूटी पर तैनात जवानों के बीच ड्यूटी बदली के समय का लाभ उठाते हुए इंसास रायफल, मैगजीन और 20 राउंड कारतूस चुरा लिए। यह चोरी शाम 6:30 बजे से रात 10 बजे के बीच की गई। घटना के बारे में कैंप के जवानों को तब पता चला जब रात में जवानों ने गार्ड रूम में लौटकर अपने हथियारों की जांच की। इस मामले में थाना कवर्धा में 4 नवंबर को अपराध क्रमांक-689/2024, धारा 331(2), 305(ड.) BNS 2023 IPC के तहत मामला दर्ज किया गया।
चोरी के तीन हफ्ते बाद, 6 दिसंबर और उसके पश्चात जिस जवान की राइफल चोरी हुई थे उसे आरोपी द्वारा अलग अलग नंबरों से मैसेज किया जा रहा था, जिसमें राइफल वापस करने के बदले पैसे की मांग की गई। आरोपी ने अपनी पहचान छिपाने के लिए फर्जी नाम से नया सिम और मोबाइल खरीदा और अलग-अलग समय पर मैसेज भेजे।
उसने पीड़ित को बार-बार मैसेज भेजकर पैसे की मांग की और पैसे न देने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। आरोपी ने राइफल देने के एवज में 10 लाख रुपए की मांग की थी और रूपये बिलासपुर-जांजगीर चांपा रोड के एक सुनसान जगह में रखकर जाने के बाद राइफल मिल जाएगा ऐसा बताया।
पुलिस ने आरोपी को फर्जी सिम उपलब्ध कराने वाले उसके साथी सुकित केसरवानी (पिता- सुशील केसरवानी, उम्र-40 वर्ष, निवासी वार्ड नंबर-11, गोधापारा, थाना शिवरीनारायण) को भी गिरफ्तार कर लिया है। साथी ने पूछताछ में यह स्वीकार किया कि उसने आरोपी को फर्जी सिम उपलब्ध कराई थी। इस आधार पर थाना कवर्धा में अपराध क्रमांक-752/2024, धारा 308(2) bns.2023 दर्ज किया गया। एक विशेष टीम गठित कर मामले की जाँच शुरू की गई।
टीम ने आरोपी द्वारा इस्तेमाल किए गए नंबरों का विवरण खंगाला। आरोपी ने जिस फर्जी सिम का इस्तेमाल किया था, उसे उपलब्ध कराने वाले साथी को हिरासत में लिया गया। साथी ने आरोपी को पहचान लिया और उसकी मदद करने की बात स्वीकार की। आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया और उसकी निशानदेही पर चोरी की गई इंसास रायफल, 20 राउंड कारतूस और मैगजीन को आरोपी द्वारा छुपाए गए स्थान से बरामद कर ली गई।
SP धर्मेंद्र सिंह (IPS) ने बताया कि “पुलिस ने समयबद्ध तरीके से काम करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर चोरी की गई रायफल को बरामद कर लिया। मामले में शामिल सभी अधिकारियों का सहयोग रहा।”