वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की मोर्चेबंदी दिनोंदिन मजबूत हो रही है। यहां कांग्रेस नेताओं की एकजुटता से कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश चंद्राकर की स्थिति बेहतर होने लगी है। मैदानी सर्वे से पता चला कि भले ही भाजपा प्रत्याशी रिकेश सेन पिछले कई वर्षों में अखबारों की सुर्खियां बटोरते रहे हों, लेकिन पब्लिक के बीच उनकी इमेज प्रभावशाली नहीं है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए तुलसी साहू और राजेंद्र अरोरा का साथ मिलने के बावजूद रिकेश की चुनावी नैया में कई छेद दिखाई दे रहे हैं।
चुनाव प्रचार अभियान में कांग्रेस काफी आगे निकल चुकी है। कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश चंद्राकर के लिए पूर्व साडा अध्यक्ष लक्ष्मण चंद्राकर, पूर्व साडा उपाध्यक्ष बृजमोहन सिंह, पूर्व महापौर नीता लोधी ने चुनावी मोर्चा संभाल रखा है। चुनाव मैदान से हटने के बाद नगर निगम के वरिष्ठ पार्षद वशिष्ठ नारायण भी मुकेश चंद्राकर को समर्थन दे रहे हैं। लोगों के बीच मुकेश के समर्थन में वशिष्ठ का अंदाजे बयां लोगों को लुभा रहा है।
प्रोफेशनल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष क्षितिज चंद्राकर ने इलेक्शन मैनेजमेंट का बड़ा हिस्सा संभाला है। कांग्रेस की सशक्त रणनीति और प्लानिंग के आगे भाजपा का तानाबाना टिक नहीं पा रहा है, बल्कि धीरे-धीरे टूट कर बिखर रहा है। वैसे, वैशाली नगर एरिया में सबसे बड़ा मुद्दा कका यानी सीएम भूपेश बघेल हैं। तकरीबन हर वार्ड में नागरिकों का कहना है कि रमन सरकार के 15 साल के कार्यकाल से कई गुना ज्यादा काम भूपेश बघेल ने 5 साल में कर दिखाया है। उत्कृष्ट शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य के लिए सीएम भूपेश बघेल ने सबसे ज्यादा काम किया।
बिजली बिल हाफ, धन्वंतरि मेडिकल स्टोर से आधे से भी कम रेट में दवाई मिलने, शहरी स्वास्थ्य योजना के तहत लोगों के घरों के पास मेडिकल टीम द्वारा मरीजों की जांच, स्वामी आत्मानंद स्कूल, बेहतर स्वास्थ्य योजना, बेरोजगारी भत्ता जैसे कई ऐसे काम हैं, जिसके कारण लोग भूपेश बघेल की जमकर तारीफ कर रहे हैं। पांच साल में भूपेश बघेल की वर्किंग स्टाईल ही कांग्रेस के चुनावी जीत का बड़ा रास्ता तैयार कर रहे हैं।।
इसके अलावा क्षेत्र की आम जनता मुकेश चंद्राकर की सज्जनता, शालीनता और विनम्र व्यवहार की कायल हो रही है। मुकेश जिस अंदाज में लोगों से मिलते हैं और बातचीत करते हैं, उसके कारण लोग सीधे तौर पर सहजता से मुकेश से जुड़ रहे हैं। मुकेश मतदाताओं से कनेक्ट होने में सफल हो रहे हैं।
रिकेश और उनकी टीम आम जनता से जुड़कर वोट बटोरने की मुहिम में काफी पीछे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि शुरुआती दौर में रिकेश की स्थिति बेहतर मानी जा रही थी, लेकिन पिछले एक हफ्ते से वे काफी पिछड़ गए हैं। अगले एक हफ्ते निर्णायक होंगे लेकिन पहले की तुलना में मुकेश चंद्राकर की राह आसान हो गई है। वे जीत के लक्ष्य की ओर बढ़ चले हैं।