बालोद। छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापपुर उपचुनाव के शोर-शराबे के बीच भाजपा गुंडरदेही में नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी बचाने में कामयाब रही। अविश्वास प्रस्ताव पर सोमवार को हुई वोटिंग में भाजपा के तीन पार्षद नहीं पहुंचे, फिर भी नगर पंचायत अध्यक्ष रानू सोनकर की जीत हुई। हालांकि कांग्रेस की ओर से किलेबंदी के बावजूद एक क्रॉस वोटिंग हुई। अध्यक्ष सहित 12 पार्षदों ने वोट डाले। इसमें रानू सोनकर को 7 वोट मिले।

जीत के बाद भाजपा पार्षद व कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली। हाल में कई नगर पालिका और पंचायतों में कांग्रेस अपना अध्यक्ष बनाने में कामयाब रही, लेकिन गुंडरदेही में मामला उल्टा हो गया। अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षदाें में ही दो फाड़ हो गया। दूसरी ओर भाजपा के कई विधायकों ने चुनाव से ही दूरी बना ली।

ऐसे में कांग्रेस के पास जोड़-तोड़ का विकल्प नहीं बचा। नतीजतन, रानू सोनकर की जीत हुई। गुंडरदेही विधानसभा प्रभारी गौरीशंकर श्रीवास ने अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद से ही पार्षदों के साथ बैठक की। जो असंतुष्ट पार्षद थे, उन्हें साधा। इसका सकारात्मक परिणाम सामने आया। सही रणनीति से भाजपा कुर्सी बचाने में कामयाब रही।

जिलाध्यक्ष कृष्णकांत पवार के मुताबिक, भाजपा लगातार गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी। इससे जीत मिली। इससे भाजपा के ताकत में वृद्धि हुई है। हालांकि कांग्रेस ने सवाल किया है कि भाजपा के 3 पार्षद कहां गए? कांग्रेस नेता प्रकाश नाहटा ने कहा कि कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ नहीं था। सवाल यह है कि भाजपा के तीन पार्षद कैसे गायब हो गए?

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