
रायपुर, छत्तीसगढ़: नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा के खिलाफ विशेष अदालत में चार्जशीट दायर की गई है। इस कार्रवाई के विरोध में राजधानी रायपुर स्थित राजीव गांधी चौक पर कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में शामिल हुए बघेल और टीएस सिंहदेव

ईडी कार्यालय के बाहर हुए इस विरोध प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और कई अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता मौजूद रहे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस कार्रवाई को “राजनीतिक प्रतिशोध” करार देते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
2012 में शुरू हुई कानूनी लड़ाई
इस केस की शुरुआत 2012 में हुई जब BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार की संपत्तियों पर कब्जा करने के लिए धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग की।
2000 करोड़ की संपत्ति 50 लाख में खरीदने का आरोप
स्वामी का कहना है कि इन नेताओं ने ‘यंग इंडियन लिमिटेड’ नामक कंपनी बनाई, और इसके जरिए ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (AJL) को अधिग्रहित कर लिया, जो ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार प्रकाशित करता था। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति को मात्र 50 लाख रुपये में हड़पा गया।
ED की कार्रवाई और कोर्ट का रुख
-
जून 2014: कोर्ट ने सोनिया, राहुल और अन्य आरोपियों को समन जारी किया।
-
अगस्त 2014: ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया।
-
दिसंबर 2015: सभी को पटियाला कोर्ट से ज़मानत मिल गई।
कांग्रेस का आरोप – विपक्ष को दबाने की साजिश
प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह मामला केवल राजनीतिक बदले की भावना से उठाया गया है और सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
