
रायपुर। मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत तीन राज्यों के चुनाव में कांग्रेस की हार पर गुरुवार को मंथन हुआ। कांग्रेस कार्यसमिति की मीटिंग में सबसे ज्यादा निशाने पर कमलनाथ रहे, जिनके भरोसे पार्टी को मध्य प्रदेश की सत्ता मिलने की उम्मीद थी। जहां बीते 20 सालों से भाजपा सत्ता पर काबिज है। फिर भी कांग्रेस की यहां करारी हार हुई और इसका असर मीटिंग पर भी दिखा। एक तरफ कई नेताओं ने कमलनाथ पर निशाना साधा तो कुछ नेताओं ने राहुल गांधी से अपील की कि वे भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत करें। कई नेताओं ने मांग की कि लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों पर समय रहते ही फैसला लिया जाए।
छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी निशाने पर रहे, जहां कांग्रेस अपनी जीत मान कर चल रही थी। इस दौरान यह चर्चा भी हुई कि कमलनाथ और भूपेश बघेल दूसरे नेताओं की नहीं सुन रहे थे। यहां तक कि कमलनाथ ने तो केंद्रीय नेतृत्व को भी नजरअंदाज किया था।

मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस दौरान कमलनाथ की रणनीति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कई बार कमलनाथ मीटिंग ही छोड़ कर चल दिए, जब वह सलाह से असहमत नजर आए। मुकुल वासनिक तो नारे पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि चुनाव में एक नारा ‘जय-जय कमलनाथ’ भी था। यह ऐसा ही था कि जैसे चुनाव कमलनाथ के नाम पर ही लड़ा जा रहा हो और उसमें पार्टी का कोई मतलब ही न हो। इस दौरान यह भी चर्चा हुई कि कांग्रेस का तीनों राज्यों में वोट प्रतिशत लगभग पहले जैसा ही रहा। लेकिन भाजपा ने बहुजन समाज पार्टी और कुछ आदिवासी दलों के हिस्से का वोट झटककर अपनी ताकत बढ़ा ली।
