दुर्ग / भिलाई में कलाप्रेमियों को अपनी कला के प्रदर्शन के लिए एक और अच्छी जगह मिलने वाली है। जिला प्रशासन ने भिलाई में आर्ट कम एक्जीबिशन सेंटर बनाने का निर्णय लिया है। इस सेंटर में ललित कलाओं के प्रदर्शन के लिए अच्छा स्पेस कलाकारों को मिल सकेगा। पेंटिंग प्रदर्शनियों के लिए अच्छी कला गैलरी यहां उपलब्ध होगी। इसके अलावा सेंटर में एक बढ़िया वीडियो रिकार्डिंग स्टूडियो भी होगा।
डिजिटल माध्यमों के तेजी से लोकप्रिय होने के चलते नागरिकों को एक बढ़िया रिकार्डिंग स्टूडियो की दरकार होती है। ऐसा कोई आधुनिक मानकों को पूरा करता हुआ अच्छा स्टूडियो भिलाई में नहीं था, अब इसकी कमी पूरी होगी। इसके साथ ही कैफेटेरिया भी होगा, इस तरह से कलारसिकों के लिए यह जगह खास होगी। बैठक में नगर निगम भिलाई आयुक्त रोहित व्यास, जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन, दुर्ग निगम आयुक्त लोकेश चंद्राकर, रिसाली निगम आयुक्त आशीष देवांगन सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
दिव्यांग बच्चों के लिए बनेगा परिसर- कलेक्टर ने आज समीक्षा बैठक में बालोद रोड में प्रस्तावित दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई के लिए परिसर के डिजाइन का अवलोकन भी किया। इस आवासीय परिसर के तीन हिस्से होंगे। पहले हिस्से में दिव्यांग बच्चों के रहने की एवं पढ़ाई की सुविधा होगी। इनमें ऐसे बच्चों को रखा जाएगा जिनकी पढ़ाई किसी कारण से विद्यालयों में रहकर कराना संभव नहीं है।
इसके साथ ही उपचारात्मक कार्य भी होता रहेगा। अभी यहां पर वृद्धाश्रम संचालित है। इसे भी आधुनिक मानकों के अनुरूप अद्यतन किया जाएगा। तीसरा खंड मानसिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए होगा। काग्निटिव बिहैवियर थैरेपी आदि के माध्यम से इलाज की सुविधा यहां होगी। परिसर में आयु के आधार पर, लिंग के आधार पर और समस्या के आधार पर आवासीय परिसर होंगे।
इसमें चिकित्सकों और नर्स के साथ ही बच्चों और बुजुर्गों के केयर के लिए स्टाफ नियुक्त किये जाएंगे। इस आवासीय परिसर का उद्देश्य ऐसे बच्चों की पढ़ाई को निरंतरता मिलेगी जो अपनी शारीरिक बाधाओं की वजह से शालाओं में नहीं जा पा रहे। इसके माध्यम से उन्हें आधुनिक उपकरणों के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी।
मेडिटेशन रूम, डांस रूम, म्यूजिक रूम आदि भी होंगे- बच्चों को बिल्डिंग में सहजता हो, इसके लिए एकास्टिक से लेकर दीवार में रंगों के चयन तक का ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए विस्तार से कार्ययोजना बनाई गई है। बच्चों के लिए म्यूजिक रूम, डांस रूम, फिजियोथैरेपी रूम, मेडिटेशन रूम आदि बनाए जाएंगे। पूरा परिसर बाधारहित होगा। बच्चों के ट्रीटमेंट के लिए और उनकी बाधाओं को दूर करने के लिए सबसे बढ़िया उपकरण यहां रखे जाएंगे।