काठमांडू. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को नेपाल के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को बधाई दी और कहा कि वह दोनों देशों के बीच पारंपरिक मित्रता को आगे बढ़ाने, आपसी राजनीतिक विश्वास को मजबूत करने और बेल्ट व रोड सहयोग की उच्च स्तर की गुणवत्तापूर्ण प्रगति के लिए उनके साथ काम करने को तैयार हैं. नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता 78 वर्षीय रामचंद्र पौडेल ने सोमवार को नेपाल के तीसरे राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली.
शी जिनपिंग ने अपने बधाई संदेश में कहा कि चीन और नेपाल मित्रवत पड़ोसी हैं जो आपस में पहाड़ और पानी साझा करते हैं. शी ने अपने संदेश में कहा, ‘1955 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से, दोनों देशों के रिश्तों ने स्वस्थ और स्थिर विकास बनाए रखते हुए बड़े और छोटे देशों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, दोस्ती और पारस्परिक सहायता का एक अच्छा उदाहरण स्थापित किया है.’
‘नेपाल के साथ काम करने को तैयार है चीन’
अभूतपूर्व तीसरे पांच साल के कार्यकाल के लिए फिर से चीन के राष्ट्रपति चुने गए शी ने कहा कि वह चीन-नेपाल संबंधों के विकास को बहुत महत्व देते हैं और दोनों देशों के बीच पारंपरिक दोस्ती को आगे बढ़ाने, आपसी राजनीतिक विश्वास को मजबूत करने और उच्च गुणवत्ता वाले बेल्ट एंड रोड सहयोग (बीआरआई परियोजना) को आगे बढ़ाने के लिए पौडेल के साथ काम करने को तैयार हैं.
क्या है बीआरआई प्रोजेक्ट
चीन की महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) परियोजना राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा 2013 में सत्ता में आने पर शुरू की गई एक बहु-अरब डॉलर की पहल है. इसका मकसद दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप को भूमि के नेटवर्क एवं समुद्री मार्ग से जोड़ना है. हालांकि, भारत बीआरआई पर आपत्ति जताता रहा है क्योंकि 50 अरब डॉलर की इस परियोजना में तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) शामिल है. सीपीईसी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरता है.
चीन बीआरआई के तहत ट्रांस-हिमालयन कनेक्टिविटी परियोजनाओं सहित विभिन्न बुनियादी ढांचे के उपक्रमों के माध्यम से नेपाल में अपनी पैठ बढ़ा रहा है. बीजिंग ने नेपाल के साथ बीआरआई फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें ट्रांस-हिमालयन इलेक्ट्रिक ट्रांसमिशन लाइन और नेपाल और चीन के बीच एक रेलवे नेटवर्क तैयार होना है.