रायपुर :

 नगरीय प्रशासन विभाग

प्रदेश में लोगों को समय, पैसे और श्रम से राहत देने  मुख्यमंत्री मितान योजना, स्लम स्वास्थ्य योजना, दाई-दीदी क्लीनिक और श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स योजना का संचालन किया जा रहा है। नगरीय प्रशासन विभाग की ओर से संचालित इन योजनाओं के माध्यम से अब तक 1 करोड़ 31 लाख से ज्यादा लोगों को मोहल्ले में ही एम्बुलेंस के जरिए निःशुल्क इलाज मिला है। इन योजनाओं से अस्पतालों और शासकीय कार्यालयों में लाइन में खड़े होने और अनावश्यक खर्चों से लोगों को राहत मिली है।  गौरतलब है कि लोगों को घर बैठे शासकीय दस्तावेजों से संबंधित सेवाएं देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री मितान योजना का मई 2022 को शुभारंभ किया गया है।

 नगरीय प्रशासन विभाग
घर तक पहुंच रहे मितान-

लोगों को शासकीय सेवाओं का लाभ उठाने के लिए बार-बार नगर निगमों, तहसीलों और अन्य सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता न पड़े। इसलिए राज्य सरकार ने प्रदेश के 14 नगर पालिक निगमों में मुख्यमंत्री मितान योजना शुरू किया है, जिसमें योजना के प्रथम चरण में 17 नागरिक सेवाओं को प्रारंभ किया गया है। योजना के अंतर्गत 76 हजार से अधिक नागरिकों को उनकी आवश्यकता के शासकीय दस्तावेज घर बैठे ही प्रदान किए गए हैं। अब तक 77 हजार से अधिक नागरिकों ने योजना के लिए जारी टोल फ्री नंबर 14545 पर दस्तावेज बनाने कॉल किया है।

योजना का उद्देश्य एक प्रभावी होम डिलीवरी मॉडल की मदद से नागरिकों को लगभग 100 सरकारी सेवाएं प्रदान करना है। इसीलिए यह योजना मजदूरों, किसानों, महिलाओं और आम नागरिकों को अपना बहुमूल्य समय, धन तथा ऊर्जा बचाने में मददगार है। वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग, शारीरिक रूप से कमजोर वर्ग कार्यालयों में जाने से असमर्थ होने के कारण, इस योजना से अत्याधिक लाभान्वित हो रहा है। मुख्यमंत्री मितान योजना के तहत शासकीय सेवाओं को नागरिकों के घर पर उपलब्ध कराने के लिए राज्य के बेरोजगार युवाओं को मितान एजेंट के रूप में तैनात करके लाभान्वित किया जा रहा है, जो आवश्यक दस्तावेज लेने और प्रमाण पत्र पहुंचाने के लिए नागरिकों के घर जा रहे हैं।

यह योजना युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर प्रदान कर रही है, साथ ही आम नागरिकों को उनके घर पर सरकारी सेवाओं का लाभ प्रदान कर रही है।
यह योजना राज्य सरकार द्वारा एक अनुकरणीय पहल है। इस योजना के तहत नागरिकों को उनके घरों में आराम से जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, दुकान एवं स्थापना, आधार कार्ड पंजीकरण (5 वर्ष तक के बच्चों के लिए) आधार के मोबाइल नंबर में सुधार आदि जैसे प्रासंगिक प्रमाण पत्र प्राप्त होंगे।

उन्हें विवाह और मृत्यु प्रमाण पत्र में सुधार जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं भी प्राप्त हो रही है। मुख्यमंत्री मितान योजना से लाभान्वित होने के लिए आवेदक को मितान की सेवा लेने अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए टोल-फ्री नंबर 14545 पर कॉल करना होता है और आवश्यकतानुसार प्रमाणपत्र के लिए कॉल सेंटर प्रतिनिधि को निवेदन करते है। कॉल करने पर मितान प्रतिनिधि बताते है कि सेवाओं का लाभ लेने के लिए आप 50 रूपए सेवा शुल्क के साथ संबंधित दस्तावेज तैयार रखे। इसके बाद मितान के प्रतिनिधि तय समय और तिथि पर आवेदक के घर पहुंचते है। दस्तावेज लेकर वे प्रमाण पत्र बनने के बाद मितान प्रतिनिधि घर पहुंचाने आते है।

1.31 करोड़ से ज्यादा मरीजों का हुआ निःशुल्क इलाज-

मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना और दाई-दीदी क्लीनिक के अंतर्गत स्लम बस्तियों में रहने वाले गरीब परिवारों को निःशुल्क उपचार की सुविधा दी जा रही है। इन योजनाओं के जरिए अब तक 1.31 करोड़ से ज्यादा मरीजों का निःशुल्क इलाज हुआ है। स्लम स्वास्थ्य योजना के जरिए प्रदेश में अब तक 58 हजार से ज्यादा शिविर आयोजित किए जा चुके हैं और 44 लाख से ज्यादा मरीजों का इलाज किया गया है। साथ ही 10.69 लाख मरीजों का निशुल्क पैथालौजी टेस्ट और करीब 37.71 लाख मरीजों को दवा वितरण किया गया है।

अब इस सेवा को विस्तार देते हुए 120 मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से झुग्गी बस्तियों में ही मरीजों का निःशुल्क परामर्श, ईलाज, दवाईयां और पैथालॉजी लैब की सुविधा सभी नगरीय निकायों में उपलब्ध है। योजना का उद्देश्य प्रदेश के नगरीय निकायों में निवासरत शहरी गरीब परिवारों को उनके घरों के समीप ही मुफ्त चिकित्सीय जांच, लैब टेस्ट एवं मुफ्त दवाईयां मोबाईल मेडिकल यूनिट के माध्यम से घर पहुंच स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है। योजना का विस्तार करने के उद्देश्य सभी नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में 31 मार्च 2022 से प्रारंभ किया गया है। योजना के पात्र हितग्राही निकाय क्षेत्र के सभी नागरिक है। स्लम क्षेत्र में निवास करने वाले नागरिकों को प्राथमिकता प्रदान की जाती है।

60 लाख लोगों को मिली सस्ती दवाईयां-

श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स योजना अंतर्गत प्रदेश के सभी 169 नगरीय निकायों में 195 दुकानें शुरू की जा चुकी हैं। इन दुकानों में 329 जेनेरिक दवाएं, 28 सर्जिकल आइटम आदि उपलब्ध है। यह योजना आमजनों को ब्रांडेड जेनेरिक दवाईयां और सर्जिकल आइटम्स की सस्ती दरों पर नियमित आपूर्ति सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इन दुकानों में शासकीय चिकित्सकों को पर्ची पर जेनेरिक दवाई लिखना अनिवार्य किया गया है। श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स योजना के तहत 167.52 करोड़ रूपए एमआरपी की दवाइयों के विक्रय पर 60 लाख से ज्यादा हितग्राहियों को 101.89 करोड़ रूपए की राशि की बचत का लाभ मिल चुका है। दवा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए इन दुकानों में देश की ख्यातिप्राप्त कंपनियों की जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराने की शर्त रखी गई है। उपलब्ध दवाइयों में सर्दी, खांसी, बुखार, ब्लड प्रेशर, इंसुलीन आदि सम्मिलित रहेगी। साथ ही साथ गंभीर बीमारियों की दवा, एंटीबायोटिक, सर्जिकल आइटम भी न्यूनतम 50 प्रतिशत की भारी छूट के साथ उपलब्ध है।

1.52 लाख महिलाओं को मिली घर पहुंच स्वास्थ्य सेवा-

दाई-दीदी क्लीनिक योजना अंतर्गत संपूर्ण महिला स्टाफ के साथ मेडिकल यूनिट झुग्गी-बस्तियों में जाकर महिलाओं का इलाज कर रही है। अब तक 2,036 शिविरों के माध्यम से 1.52 लाख हजार महिलाओं को निशुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराई गई है। योजना अंतर्गत शिविर लगाकर अब तक 29 हजार से ज्यादा महिलाओं का लैब टेस्ट और 1.44 लाख से ज्यादा महिलाओं को निशुल्क दवा का वितरण किया जा चुका है।

हाट बाजार क्लीनिक योजना से 84 लाख लाभान्वित –

राज्य के ग्रामीण अंचलों के विशेषकर पहाड़ी और दूरस्त वनांचलों में स्वास्थ्य सुविधाएं तेजी से पहुंच रही है। स्वास्थ्य विभाग का अमला हाट बाजार क्लीनिक योजना के माध्यम से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं। प्रदेश में अब तक 1.50 लाख से अधिक हाट बाजार क्लीनिक का आयोजन किया जा चुका है और इसके माध्यम से 84 लाख से अधिक मरीजों का इलाज किया जा चुका है। प्रदेश के हाट बाजार में आयोजित किए जा रहे क्लीनिकों में लोगों को उपचार के साथ-साथ निःशुल्क दवाईयां और पैथोलॉजी की सुविधाएं मिल रही है।

योजना के अंतर्गत राज्य में 429 डेडिकेटेड ब्राडिंग वाहन और चिकित्सा दलों के माध्यम से दूरस्थ अंचलों में लोगों का इलाज किया जा रहा है। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना से बस्तर-सरगुजा सहित राज्य के अन्य दुर्गम इलाकों में रहने वाले लोगों को परेशानी कम हुई है। इस योजना से महिलाओं और बच्चों के पोषण में सतत् निगरानी तो हो ही रही है साथ ही बस्तर में मलेरिया उन्मूलन अभियान को गति मिली है। इन इलाकों में महिलाओं और बच्चों में पोषण स्तर की जांच और कुपोषण के रोकथाम के लिए भी यह योजना सहायक साबित हुई है।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *