भिलाई नगर / जिन अधिकारियों की शिकायत को आधार बनाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ईडी पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं, उनके घर 47 लाख रुपये की बेहिसाब नगदी और 4 किलो के सोने के आभूषण पाए गए हैं, मुख्यमंत्री और सरकार बताए कि अधिकारियों के पास इतनी अकूत सम्पत्ति और सोना मिलने पर आश्चर्य क्यों नहीं हुआ? छत्तीसगढ़ में ऐसे ही भ्रष्टाचार से लिपटी कांग्रेस सरकार चल रही है नतीजतन प्रदेश में लूट खसोट, भ्रष्टाचार का आलम बना हुआ है। उक्त बातें पत्रकार वार्ता में दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल कही हैं।
उन्होंने बताया कि ईडी कार्यवाही में पता लगा कि 15 अक्टूबर से बिना किसी एसओपी के 30 हजार से अधिक एनओसी जारी किए रजिस्टरों का रखरखाव नहीं किया गया था, अधिकारियों की भूमिका पर कोई स्पष्टता नहीं है। रजिस्टर में कंपनी का नाम आदि कई विवरण खाली छोड़ दिए गए हैं। तलाशी और जांच के दौरान लक्ष्मीकांत तिवारी के पास से 15 करोड़ रुपये नगद बरामद किया गया। उसने स्वीकार किया है कि वह रोजाना 1-2 करोड़ की जबरन वसूली करता था।
इसलिए भाजपा प्रेस वार्ता के माध्यम से कांग्रेस सरकार से सवाल पूछना चाहती है कि इंडी के प्रेस नोट में विस्तार से भ्रष्टाचार की प्रक्रिया, जब्त की गई बेहिसाब राशि आभूषण नकदी की जानकारी आने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस्तीफा कब देंगे? पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई में बाधा बनने के लिए क्या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अब क्या जनता से माफी मांगेगे? प्रदेश को आनलाईन सट्टे और भ्रष्टाचार का गढ़ बनाने वाली कांग्रेस सरकार अब यह बताएगी कि अधिकारियों, राजनेताओं, व्यापारियों का यह भ्रष्टाचार रैकेट 10 जनपथ दिल्ली में कितने रुपए पहुंचा रहा है?
पाण्डेय ने कहा कि अधिकारियों के घर से नगदी आभूषण और अनेक बेहिसाब चीजें मिलने के बाद भी अब तक उन पर निलंबन की कार्यवाही क्यों नहीं हुई है? जो लोग सरकारी पदों पर या सरकार द्वारा मनोनीत हैं और जिन पर जांच हुई है, उन्हे हटाया क्यों नहीं गया? छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार भूपेश बघेल खो चुके हैं। भाजपा नेता पाण्डेय ने कहा कि ईडी जांच में बरामद नगद, ज्वेलरी और भ्रष्टाचार के सारे सबूत अधिकारियों की पैरवी छत्तीसगढ़ के इतिहास का काला अध्याय है।
ईडी द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट के उपरांत प्रेस को संबोधित करते हुए विधायक विद्यारतन भसीन ने कहा कि ईडी के प्रेस नोट ने छत्तीसगढ़ में हो रहे बड़े भ्रष्टाचार के रैकेट की पोल खोल दी है। हम सब ने कभी सोचा भी नहीं था कि छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का किसानों का आम जनता का मेहनत का पैसा, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया जाएगा। एक तरफ सरकारी योजनाओं को देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं और दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में सरकारी संरक्षण में भ्रष्टाचार में अपनी सारी से सीमाएं लांघ दी है।
यह छत्तीसगढ़ के इतिहास के लिए एक काला अध्याय है। बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि कांग्रेस के शासन में भ्रष्टाचार के लिए पूरा रैकेट बनाया गया है जिसमें वरिष्ठ नौकरशाह, व्यापारी, राजनेता और बिचौलिए जुड़े हैं और छत्तीसगढ़ राज्य में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध वसूली कर रहे हैं। प्रतिदिन 2 से 3 करोड़ रु जबरन वसूले जा रहे हैं, इस प्रकार हजारों करोड़ रुपये वसूली कर गलत काम में इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
भसीन ने ईडी के प्रेस नोट का हवाला देते हुए कहा ईडी ने करीब 45 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नगदी, सोने के आभूषण, सराफा और करीब दो करोड़ रुपये मूल्य के अन्य कीमती सामान जब्त किए गए हैं। भ्रष्टाचार करने के लिए बाकायदा नियम बदले गए कोयले को खदानों से उपयोगकर्ताओं तक मैनुअल जारी करने के लिए ई परमिट की पूर्व ऑनलाइन प्रक्रिया को संशोधित किया गया था। भ्रष्टाचार किस प्रकार से, किस प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है इसकी भी विस्तार जानकारी ईडी ने अपने प्रेस नोट में दी है। पत्रकारवार्ता में भिलाई जिलाध्यक्ष वीरेंद्र साहू, महामंत्री शंकरलाल देवांगन, शारदा गुप्ता भी उपस्थित थे।