बालोद। लोगों को नौकरी लगाने के नाम पर रुपये ऐंठने वाला बालोद का तथाकथित पत्रकार राहुल भूतड़ा अंतत: पुलिस की गिरफ्त में चला गया। काफी दिनों से उन पर गिरफ्तारी का दबाव था। पीड़ित पक्ष लगातार विभिन्न अधिकारियों के समक्ष शिकायत कर रहे थे। आखिरकार पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राहुल भूतड़ा को गिरफ्तार कर लिया है। बालोद जिला में काफी लंबे समय से पत्रकारिता की आड़ में धौंस जमा कर लोगों से नौकरी लगाने के नाम पर रुपए लेने वाला राहुल भूतड़ा आखिर अपने कारनामों के चलते पुलिस की गिरफ्त में आ गया है।
बुधवार को पुलिस ने ऐसे ही एक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि राहुल भूतड़ा ने ग्राम भैंसबोड के अनेक लोगों से नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रुपये वसूल किया है। पैसे लेने के बाद भी उन्होंने नौकरी नहीं लगाई। अपने आपको वरिष्ठ पत्रकार बताकर और बहुत पहुंच वाला बताकर लोगों का विश्वास जीतता था। इसी विश्वास में लोगों ने उन्हें पैसे दिए थे लेकिन वह हमेशा लोगों के साथ फ्रॉड ही करता था।
भैंस बोड के पीडि़त पक्षों को पैसा वापस करने का लालच देकर शांत करा दे रहा था, लेकिन लंबे समय से पैसा वापस नहीं करने पर आखिरकार पीडि़तों ने एसपी व कलेक्टर से इसकी शिकायत की। शिकायत के बाद उन पर गिरफ्तारी का दबाव बन गया था। अंतत: बुधवार को बालोद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बालोद पुलिस ने गुरूवार सुबह बालोद के किराए के मकान से उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जिसके बाद न्यायिक रिमांड में जेल दाखिल कर दिया गया है।
इस संबंध में बालोद थाना प्रभारी नवीन बोरकर ने बताया कि भैंसबोड के पीडि़तों से नौकरी लगाने के नाम पर पैसे लेने के मामले में 2020 में मामला दर्ज किया गया था। जिसमें राहुल भूतड़ा की गिरफ्तारी नहीं हुई थी उनके खिलाफ जांच कर उनकी गिरफ्तारी की गई है। एसपी जितेंद्र यादव ने बताया कि राहुल भूतड़ा के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया है। अभी जांच जारी रहेगी। मामला भैंसबोड के आदिवासी युवकों सहित अन्य युवकों से नौकरी लगाने के नाम पर रुपए लेने का है।
वहीं सूत्रों की माने तो कथित पत्रकार राहुल भूतड़ा जो कि नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने में कामयाबी हासिल किया था जिसके बाद उनका पैसा वापस लौटाना तो दूर उनसे उलजुलूल हरकतें करता था चेक बाउंसिंग के अनेक तरह के मामले होने के बावजूद पत्रकारिता का धौंस दिखाकर गरीब बेरोजगार आदिवासियों को डराता धमकाता था। ऐसा ही मामला महज कुछ दिन पूर्व में स्वास्थ्य विभाग में अपने आप को रसूखदार पत्रकारिता का धौंस दिखाकर रसूख जमाने की कोशिश नाकाम रही।
खबर नहीं छापने के एवज में पैसा मांगने एवं ब्लैकमलिंग करने में कामयाबी नहीं मिली तो बालोद में पदस्थ एक अधिकारी के खिलाफ कुछ नहीं मिला तो उसकी नाबालिक लड़की के फोटो को वायरल कर दिया था, इस मामले में आरोपी और उसके भाई के खिलाफ ब्राह्मण समाज के लोगों ने ब्लैक मेलिंग करने की बात कहते हुए पुलिस अधीक्षक बालोद डॉ जितेंद्र कुमार यादव एवं कलेक्टर कुलदीप शर्मा के समक्ष ज्ञापन सौंपकर लिखित शिकायत की थी। जिस पर एसपी ने कहा था कि जांच कर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।