भिलाई: सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के एक परियोजना के तहत, छत्तीसगढ़ राज्य के पहले फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना के लिए भिलाई के मरोदा-1 जलाशय में आधारशिला रखी गई। जिसका उद्घाटन सेल-बीएसपी के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता एवं एनटीपीसी के निदेशक (प्रचालन) तथा एनएसपीसीएल के चेयरमैन रविन्द्र कुमार द्वारा 30 जून 2024 को किया गया।
15 मेगावाट क्षमता वाले फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना, भिलाई इस्पात संयंत्र के ग्रीन एनर्जी उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत सरकार की नीति के अंतर्गत इस ऊर्जा संयंत्र की स्थापना को सस्टेनेबल एनर्जी समाधानों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
समारोह के प्रारंभ में अतिथियों के स्वागत किया गया। तत्पश्चात अतिथियों द्वारा भूमि पूजन के बाद नारियल फोड कर फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना के लिए आधारशिला रखी गई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने एनटीपीसी-सेल सप्लाई कंपनी लिमिटेड (एनएसपीसीएल) के साथ फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए 9 मई, 2024 को विद्युत खरीद समझौता (पीपीए) किया था।
जिसके तहत 15 मेगावाट क्षमता वाले फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना संयंत्र के मरोदा-1 जलाशय में होना था, जो कि छत्तीसगढ़ राज्य का पहला फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र होगा। यह परियोजना बीएसपी के कार्बन उत्सर्जन को कम करने एवं ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और ऐसा अनुमान है कि इस संयंत्र से सालाना 34.26 मिलियन यूनिट ग्रीन विद्युत का उत्पादन होगा।
जिसका उपयोग बीएसपी अपने कैप्टिव विद्युत जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगा। इससे बीएसपी के कार्बन उत्सर्जन में सालाना 28,330 टन की कमी आने की संभावना है। एनएसपीसीएल, जो एनटीपीसी और सेल का एक संयुक्त उद्यम है, इस परियोजना के लिए परामर्शदाता के रूप में कार्य करेगा। इस परियोजना को ईपीसी अनुबंध के तहत मई 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस परियोजना की आधारशिला 30 जून 2024 को रखी गई। इस अवसर पर सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता, एनटीपीसी के निदेशक-प्रचालन एवं एनएसपीसीएल के चेयरमैन रविन्द्र कुमार, कार्यपालक निदेशक (वर्क्स-बीएसपी) अंजनी कुमार, कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं-बीएसपी) एस मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन-बीएसपी) अजय कुमार चक्रबर्ती, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा-बीएसपी) डॉ अशोक कुमार पंडा, कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन-बीएसपी) पवन कुमार तथा मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (सेवाएं-बीएसपी) श्री पी के सरकार, मुख्य महाप्रबंधक (पॉवर फैसिलिटीज-बीएसपी) राजीव पाण्डेय सहित मुख्य महाप्रबंधक (इलेक्ट्रिकल-बीएसपी) श्री टी के कृष्णकुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
डीआईजी (सीआईएसएफ) सुश्री प्रतिभा अग्रवाल एवं कमांडेंट (सीआईएसएफ) अभिजीत कुमार भी इस अवसर पर उपस्थित थे। साथ ही निदेशक (एनएसपीसीएल) एवं क्षेत्रीय कार्यपालक निदेशक (एनटीपीसी- डब्ल्यू आर 2) श्री सी शिवकुमार, मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एनएसपीसीएल) दिवाकर कौशिक, महाप्रबंधक एवं बिजनेस यूनिट प्रमुख (एनएसपीसीएल-भिलाई) सोमनाथ चट्टोपाध्याय, मुख्य महाप्रबंधक (ओएस-एनएसपीसीएल) त्रिदिब देब, सीएफओ (एनएसपीसीएल) श्री राजीव श्रीवास्तव, महाप्रबंधक (एफजीडी-एनएसपीसीएल) आलोक सिंह, महाप्रबंधक (एचआर-एनएसपीसीएल) सुश्री प्रेमलता, महाप्रबंधक (इंजीनियरिंग और पीएम-एनएसपीसीएल) अरुणाशीष दास, महाप्रबंधक (एफ एंड ए-एनएसपीसीएल) श्री पलाश गंगोपाध्याय एवं बीएसपी तथा एनएसपीसीएल-भिलाई के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
सेल बीएसपी और एनएसपीसीएल कॉर्पोरेट सेंटर सहित एनटीपीसी रायपुर के वरिष्ठ अधिकारी, एचओडी, एक्ज़ीक्यूटिव एसोसिएशन के प्रतिनिधि, यूनियन के प्रतिनिधि, कर्मचारी और अन्य आमंत्रित अतिथिगण भी उपस्थित थे। इस अवसर पर सेल-बीएसपी के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने कहा कि बीएसपी के प्लांट को इस सोलर फ्लोटिंग संयंत्र से अब ग्रीन एनर्जी प्राप्त होगी।
उन्होंने बताया कि बीएसपी के लिए सोलर एनर्जी सिस्टम परियोजना दो चरणों में मरोदा-1 व मरोदा-2 जलाशय में पूरी की जायेगी। उन्होंने इस परियोजना के तहत अगले चरण में एनएसपीसीएल के माध्यम से, 35 मेगावाट क्षमता वाले अतिरिक्त फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र की प्रस्तावित योजना के बारे में बताया। दासगुप्ता ने बताया कि इससे जल वाष्पीकरण में कमी आएगी और यह परियोजना, संयंत्र के लिए उपयोग किये जाने वाले कोयले की निर्भरता को कम करने में भी सहायक है, जिससे कार्बन के उत्सर्जन को कम किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार की नीति के तहत इस परियोजना से हमें ग्लोबल वार्मिग के प्रभाव को कम करने में सहायता मिलेगी और पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकेगा। अनिर्बान दासगुप्ता ने कहा, यह 15 मेगावाट प्लांट पूरे भारत में सभी सेल प्लांट्स में एक प्रमुख परियोजना होगी, जो नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ओर मार्गदर्शन करेगा। सेल- भिलाई इस्पात संयंत्र, ऊर्जा संरक्षण के लिए समर्पित है और ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित कर रहा है।
आधारशिला समारोह के दौरान, एनटीपीसी के निदेशक (प्रचालन) तथा एनएसपीसीएल के चेयरमैन रविंद्र कुमार ने परियोजना के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “15 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट न केवल एनएसपीसीएल के लिए एक मील का पत्थर है बल्कि हमारे सतत विकास के प्रति समर्पण का प्रमाण भी है। हम भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमताओं को बढ़ाने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।” उन्होंने भारत के महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों का समर्थन करते हुए, स्वच्छ एवं हरित भविष्य में एनएसपीसीएल की भूमिका को रेखांकित किया।
आरंभ में, महाप्रबंधक एवं बिजनेस यूनिट हेड (एनएसपीसीएल) सोमनाथ चट्टोपाध्याय ने स्वागत भाषण दिया और इस परियोजना के महत्व को रेखांकित किया। उप प्रबंधक (एचआर-एनएसपीसीएल) श्री पी के पाणिग्रही ने 15 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर प्लांट की तकनीकी विशिष्टताओं के बारे में जानकारी दी। शिलान्यास समारोह में महाप्रबंधक (एफजीडी एनएसपीसीएल) आलोक सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया, जबकि कार्यक्रम का संचालन उप प्रबंधक (एचआर-एनएसपीसीएल) सैम अब्राहम द्वारा किया गया।
उल्लेखनीय है कि सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र अपने कार्बन फुटप्रिंट में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है और इस उद्देश्य से कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने, ऊर्जा संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की जा रही है। यह एनएसपीसीएल की पहली सौर ऊर्जा परियोजना होगी और यह कंपनी के लिए ग्रीन ऊर्जा पोर्टफोलियो विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
ये प्रणालियाँ भूमि उपयोग को काफी कम करती है। इसके अतिरिक्त, ये जल निकायों से वाष्पीकरण की दर को कम करके पानी को संरक्षित करने में मदद करती हैं और जल के प्राकृतिक शीतलन प्रभाव के कारण सोलर पैनलों की दक्षता को बढ़ाती हैं।
यह 15 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगभग एक वर्ष में स्थापित होने की उम्मीद है। यह पर्याप्त विद्युत उत्पादन भिलाई स्टील प्लांट की ऊर्जा आवश्यकताओं के एक महत्वपूर्ण हिस्से को पूरा करेगा, जिससे एक स्थिर और पर्यावरण अनुकूल बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
इसके अलावा, यह पहल इस्पात संयंत्र के कार्बन फुटप्रिंट को काफी हद तक कम करने में योगदान देगी, जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के वैश्विक और राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप है। महत्वपूर्ण रूप से, इस परियोजना को सेल की नवीकरणीय ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है और यह छत्तीसगढ़ में अपनी तरह की पहली परियोजना है, जो राज्य में भविष्य की ग्रीन एनर्जी परियोजनाओं के लिए एक मिसाल कायम करेगी। एनटीपीसी लिमिटेड, एनएसपीसीएल की मातृ कंपनी, विभिन्न स्थानों पर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट स्थापित करने और सफलतापूर्वक संचालित करने में व्यापक अनुभव रखती है।