रायपुर / छत्तीसगढ़ में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहें है। राज्य शासन द्वारा उद्यानिकी फसल उत्पादक कृषकों को तीन लाख रूपए तक की सीमा तक शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पकालीन ऋण उपलब्ध कराने दिया जा रहा है। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने उद्यान विभाग के अधिकारियों को उद्यानिकी योजनाओं के साथ ही उद्यानिकी फसलों के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज पर दी जा रही अल्पकालीन सुविधा के भी प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए।
वे उद्यानिकी विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में उद्यानिकी विभाग के संचालक माथेश्वरन व्ही. सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि धान के बदले अन्य फसल लिये जाने पर प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है, इसका भी प्रचार-प्रसार करें।
डॉ. सिंह ने विभाग के फ्लैगशीप योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि गौठानों में तैयार किये गये उत्पादों के विक्रय के लिए आस-पास के झ संस्थाओं यथा स्कूल, आश्रम, कैम्प (बी.एस.एफ, केन्द्रीय एवं अन्य पुलिस बल), छात्रावास, चिकित्सालय, आंगनबाड़ी इत्यादि संस्थाओं से सामुदायिक बाड़ियों को लिंक किया जावे। उन्होंने उद्यान विभाग के अधिकारियों को उद्यानिकी उत्पादों के सैल्प लाइफ को बढ़ाने के संबंध में विभाग से जिमीकंद एवं कटहल के सैम्पल को रेडिएशन की प्रक्रिया कराये जाने केे लिए भाभा एटोमिक रिसर्च सेन्टर (ठ।त्ब्द्ध मुम्बई भेजे जाने के भी निर्देश दिए।
कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के घटक मधुमक्खी पालन का क्रियान्वयन वन विभाग से समन्वय कर अधिक वन क्षेत्र वाले जिलों में किया जावे। उन्होंने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि जिलों को प्रदायित राशि में सर्वप्रथम राज्य पोषित योजनाओं की पूर्ति तद्पश्चात् केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं की पूर्ति एवं उक्त दोेनो योजनाओं की पूर्ति होेने के उपरांत डीएमएफ मद का उपयोग किया जावे।
उद्यानिकी मित्र योजना की समीक्षा करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि हायर सेकेण्डरी स्कूलों में उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित योजना की जानकारी प्रदान किए जाए, जिससे स्कूलों के छात्र-छात्राओं में बागवानी के प्रति रूचि बढे एवं स्कूल शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत छात्र-छात्राओं द्वारा विभागीय योजनाओं का लाभ लेकर कृषि कार्यों को भी रोजगार के रूप में अपनाया जावे।
उन्होंने समस्त राज्य एवं केन्द्र पोषित योजना अंतर्गत किये जा चुके कार्यों की शत् प्रतिशत वित्तीय पूर्ति मार्च माह से पूर्व करना सुनिश्चित करने के निर्देश समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों कोे दिए। साथ ही उन्होंने राज्य एवं केन्द्र पोषित योजनांतर्गत उद्यानिकी प्रशिक्षण एवं भ्रमण संबंधित कार्य जल्द पूर्ण कराने कहा। बैठक में राज्य पोषित योजना के घटक कम्यूनिटी फैसिंग हेतु आगामी वर्ष 2023-24 हेतु भी पूर्ति खरीफ मौसम में पूर्ण किये जाने के लिए निर्देशित किया गया।
इस संबंध में कम्यूनिटी फैसिंग का नेशनल मिशन ऑन एडीबल ऑयल योजनांतर्गत चयनित किये गये कृषकों के साथ अभिसरण कर योजना का लाभ दिए जाने कहा गया। नेशनल मिशन ऑन एडीबल आयल-ऑयल पॉम योजना की समीक्षा करते हुए डॉ. सिंह ने योजनांतर्गत अधिक से अधिक कृषकों को लाभान्वित किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही रोपण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने हेतु अन्य नवीन संस्थाओं के साथ अनुबंध किया जाने को भी कहा।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के समीक्षा दौरान उन्होंने कहा कि जिलों से चर्चा कर वर्ष 2022-23 में जिन घटकों की पूर्ति जिन जिलों द्वारा नहीं की जा सकेगी उन घटकों के लक्ष्य परिवर्तित कर अन्य जिलों को आबंटित किया जावे। बैठक में माथेश्वरन व्ही द्वारा विभाग अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं हेतु प्राप्त आबंटन एवं अद्यतन हुए व्यय की जानकारी प्रदान की गई।
बैठक में अपर संचालक उद्यान भूपेद्र कुमार पाण्डेय, संयुक्त संचालक उद्यान व्ही के चतुर्वेदी, संयुक्त संचालक (अभियंत्रिकी) एम पी अवधिया, उप संचालक उद्यान (द्वय) नीरज कुमार शाहा एवं मनोज कुमार अम्बष्ट तथा समस्त जिलों के उप एवं सहायक संचालक उद्यान उपस्थित थे।