छत्तीसगढ़ सरकार की नई पहल: बैगा, गुनिया और हड़जोड़ को हर साल मिलेगी 5 हजार की सम्मान राशि

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के जनजातीय समाज के पारंपरिक वनौषधि चिकित्सकों के सम्मान में एक नई योजना शुरू की है। इस योजना का नाम ‘मुख्यमंत्री बैगा गुनिया हड़जोड़ सम्मान योजना वर्ष 2025’ रखा गया है। इस योजना के तहत राज्य के पात्र बैगा, गुनिया और हड़जोड़ समुदाय के लोगों को हर साल ₹5,000 की सम्मान सह-प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
आदिम जाति विकास विभाग ने इस योजना को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है।

परंपरा को सम्मान देने की अनोखी पहल

छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल इलाकों में बैगा, गुनिया और हड़जोड़ समुदाय पारंपरिक रूप से वनौषधीय चिकित्सा में निपुण हैं। सरकार का कहना है कि इन समुदायों ने वर्षों से ग्रामीण समाज के स्वास्थ्य की सेवा की है।
इसी परंपरा को सहेजने और आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस योजना की घोषणा जनजातीय गौरव दिवस (15 नवंबर) के मौके पर की थी।

हर साल मिलेगी ₹5,000 की सम्मान राशि

इस योजना के तहत पात्र पारंपरिक वैद्य (बैगा, गुनिया, हड़जोड़) को हर वर्ष ₹5,000 की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी।
सरकार का उद्देश्य है कि इन समुदायों के पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित किया जाए और नई पीढ़ी को भी इसे आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जा सके।

कौन होंगे पात्र लाभार्थी?

आदिम जाति विकास विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार,

  • वे व्यक्ति जो कम से कम पिछले 3 वर्षों से वनौषधीय चिकित्सा सेवा में संलग्न हैं।

  • जिनके परिवार में यह परंपरा पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित हो रही है।

  • ऐसे परिवार जिनमें कम से कम 30 वर्षों से यह परंपरा जारी है।

  • और जो व्यक्ति पादप औषधि बोर्ड, आयुष विभाग, वन विभाग या लघु वनोपज संघ जैसी मान्यता प्राप्त संस्थाओं से जुड़े हैं।

इन पात्र व्यक्तियों का चयन ग्राम स्तर पर निर्धारित प्रक्रिया के तहत किया जाएगा।

सरकार का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक जनजातीय चिकित्सा पद्धति को संरक्षित और सम्मानित करना है। सरकार चाहती है कि आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था के साथ-साथ इन परंपरागत वनौषधीय ज्ञान का भी दस्तावेजीकरण और प्रचार-प्रसार हो।

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