
मड़वारानी स्टेशन के पास बड़ा हादसा टला
कोरबा, 11 अक्टूबर 2025: कोरबा जिले के मड़वारानी रेलवे स्टेशन के पास छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के एक डिब्बे का पहिया पटरी से उतर गया। घटना सुबह लगभग 9:30 बजे हुई, जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। हालांकि, लोको पायलट की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई की बदौलत एक बड़ा हादसा टल गया।
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने जांच में लापरवाही पाए जाने पर ठेका कंपनी के सुपरवाइजर और एक मजदूर को गिरफ्तार किया है। दोनों को बिलासपुर स्थित रेलवे कोर्ट में पेश किया गया है।

कैसे हुआ हादसा: पटरी पर फंसा मिला लोहे का एंगल
जांच के दौरान रेलवे कर्मियों को पता चला कि ट्रेन के पहिए में लोहे का एंगल फंसा हुआ था, जो स्टेशन पर चल रहे फुट ओवर ब्रिज निर्माण कार्य से संबंधित था। यह एंगल लापरवाही से रेल ट्रैक पर छोड़ दिया गया था, जिसके कारण ट्रेन का एक पहिया पटरी से उतर गया।
रेलकर्मियों ने तुरंत एंगल को हटाकर ट्रेन को फिर से पटरी पर लाने का कार्य किया। तत्पश्चात, ट्रेन को सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य की ओर रवाना किया गया।
आरपीएफ की जांच और गिरफ्तारी
घटना की गंभीरता को देखते हुए आरपीएफ प्रभारी सतीश कुमार के नेतृत्व में जांच टीम गठित की गई। जांच में सामने आया कि ठेका कंपनी एसके एंड जेआरटी के कर्मचारी लापरवाही से कार्य कर रहे थे।
आरपीएफ ने सुपरवाइजर परशुराम महतो (झारखंड निवासी, वर्तमान में कोरबा में रह रहे) और मजदूर रामेश्वर निषाद को गिरफ्तार किया है।
हालांकि, हाइड्रा चालक अभी भी फरार है और उसकी तलाश तेज़ कर दी गई है। आरपीएफ का कहना है कि पूरी जांच के बाद ठेकेदार पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
रेलवे की चेतावनी: लापरवाही बर्दाश्त नहीं
रेलवे अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह घटना ठेका कंपनी की गंभीर लापरवाही का परिणाम है। उन्होंने कहा कि यात्री सुरक्षा सर्वोपरि है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए
सभी निर्माण स्थलों पर सख्त निगरानी और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन कराया जाएगा।
यात्रियों ने भी लोको पायलट और रेलवे कर्मियों की तत्परता और बहादुरी की सराहना की, जिन्होंने समय रहते बड़ी दुर्घटना को टाल दिया।
अधिकारियों का बयान
आरपीएफ प्रभारी सतीश कुमार ने कहा,
“हम रेलवे और यात्री सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं।
जो भी इस तरह की लापरवाही करेगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने यात्रियों से अपील की कि किसी भी संदिग्ध वस्तु या निर्माण सामग्री को तुरंत रेलवे कर्मचारियों को सूचित करें ताकि भविष्य में हादसे टाले जा सकें।
