
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में इन दिनों कैबिनेट विस्तार को लेकर हलचल तेज है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने संकेत दे दिए हैं कि “मंत्रीमंडल का विस्तार कभी भी हो सकता है, इंतजार कीजिए।” इस बयान के बाद से राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं कि 10 अप्रैल को नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण संभव है।
हरियाणा मॉडल पर चलेगी छत्तीसगढ़ की सरकार

सूत्रों की मानें तो इस बार छत्तीसगढ़ में हरियाणा मॉडल को अपनाते हुए 13 मंत्रियों की नियुक्ति की तैयारी है। हरियाणा में भी 90 विधायक हैं और वहां 13 मंत्री हैं, जबकि छत्तीसगढ़ में अभी तक 12 ही मंत्री रहे हैं। अब सीएम + 13 मंत्री के फॉर्मूले पर काम किया जा रहा है।
क्यों ज़रूरी है विस्तार? जानिए विभागीय बोझ का सच
फिलहाल मुख्यमंत्री और 10 मंत्री कार्यरत हैं। लेकिन बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद इस्तीफा देने से एक सीट खाली हुई और अब दो सीटें रिक्त हैं। छोटे कैबिनेट में दो मंत्रियों की कमी से विभागीय कामकाज पर भारी असर पड़ा है।
डिप्टी सीएम अरुण साव और विजय शर्मा के पास तीन-तीन बड़े विभाग हैं, जिससे वर्कलोड अत्यधिक हो गया है।
किसी मंत्री को नहीं किया जाएगा बाहर, होंगे सिर्फ विभागीय फेरबदल
बीजेपी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, किसी मंत्री को ड्रॉप नहीं किया जाएगा, केवल विभाग बदले जाएंगे। सवा साल की सरकार में केवल परफॉर्मेंस के आधार पर मंत्री बदलना उचित नहीं माना जा रहा है।
कौन होंगे नए मंत्री? तीन नाम चर्चा में
तीन नए मंत्रियों में जिन नामों की सबसे अधिक चर्चा है वो हैं:
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अमर अग्रवाल (सीएम साय के पसंदीदा)
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गजेंद्र यादव (पार्टी और संघ समर्थित)
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पुरंदर मिश्रा (ओडिशा समाज के दबाव में संभावित चयन)
पुरंदर मिश्रा अगर मंत्री बनते हैं तो वे पहले ऐसे नेता होंगे जो कांग्रेस छोड़कर BJP में आकर मंत्री बनेंगे।
धर्मजीत सिंह को भी भविष्य में मिल सकता है मौका
5 बार के विधायक धर्मजीत सिंह को भी भविष्य में मंत्रिपद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है, अगर पुरंदर मिश्रा को मंत्रिपद मिल जाता है।
