
मेडिकल जांच में हुआ बड़ा खुलासा, जिम्मेदार कौन?
बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने शिक्षा व्यवस्था की निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भोपालपटनम कन्या आश्रम शाला में पढ़ने वाली 12वीं कक्षा की एक छात्रा चार महीने की गर्भवती पाई गई है। यह चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ जब छात्रा पेट दर्द और चक्कर की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती हुई।
स्वास्थ्य जांच में सामने आया मामला
छात्रा 10 जुलाई को नए सत्र की शुरुआत के लिए घर से आश्रम स्कूल लौटी थी।
20 जुलाई को जब उसे पेट में दर्द और चक्कर आने लगे, तो आश्रम की अधीक्षिका तोंडेश्वरी शेट्टी ने उसे भोपालपटनम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। वहां डॉ. गोपी द्वारा की गई प्रारंभिक जांच के बाद छात्रा को तुरंत बीजापुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।

मेडिकल रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
बीजापुर जिला अस्पताल की सिविल सर्जन डॉ. रत्ना ठाकुर ने बताया कि छात्रा लगभग तीन से चार महीने की गर्भवती है। हालांकि, छात्रा की मां ने इलाज कराने से इनकार कर उसे अस्पताल से घर ले गई।
फिलहाल छात्रा का जिला अस्पताल में इलाज नहीं हो रहा है।
शिक्षा व आदिवासी विभाग में मचा हड़कंप
इस गंभीर मामले को देखते हुए आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त देवेंद्र सिंह ने मंडल संयोजक नंद कुमार मारकोंडा को तलब किया है।
वहीं अधीक्षिका तोंडेश्वरी शेट्टी, जो हाल ही में पदस्थ हुई हैं, ने इसकी ज़िम्मेदारी पूर्व अधीक्षिका पर डाल दी है।
अधिकारियों की चुप्पी से नाराज़ हैं स्थानीय लोग
पूरे घटनाक्रम पर शिक्षा विभाग के अधिकारी मौन हैं, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी साफ दिख रही है। लोग पूछ रहे हैं – “क्या नाबालिग बच्चियों की सुरक्षा अब स्कूल में भी नहीं बची?”
