भिलाई। चेक बाउंस के दो अलग-अलग मामलों में न्यायालय ने पति-पत्नी को दोषी करार दिया है। दंपती ने बैंक से लोन लिया था। राशि लौटाने के लिए दिए दोनों के चेक बाउंस हो गए। इस पर बैंक ने दोनों के खिलाफ कोर्ट चेक बाउंस का प्रकरण दर्ज करा दिया। इस पर कोर्ट ने दोनों को 6-6 माह कारावास की सजा सुनाई है।
पैरवी करने वाले अधिवक्ता मो. शफीक खान ने बताया कि आरोपी दीनदयाल चंद्राकर और उसकी पत्नी सरोजनी चंद्राकर ने वर्ष 2013 में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की कुरुद शाखा से लोन लिया। ऋण भुगतान के लिए दीनदयाल चंद्राकर बैंक को 19 लाख 16 हजार 815 रुपए का चेक दिया था। इसी तरह उसकी पत्नी ने बैंक से लिए लोन की रकम वापस करने के लिए 7.80 लाख रुपए का चेक दिया था।
दोनों के खाते में पैसे नहीं होने से चेक बाउंस हो गए। इस पर बैंक ने दोनों के खिलाफ कोर्ट में चेक का परिवाद दायर कर दिया। सुनवाई के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्वेता पटेल की कोर्ट ने आरोपी दीनदयाल चंद्राकर को 6 माह साधारण कारावास और 7.50 लाख रुपए प्रतिकार राशि से दंडित किया है। इसी तरह दूसरे मामले में आरोपी सरोजिनी चंद्राकर को भी 6 माह कारावास और 7.80 लाख रुपए की प्रतिकार राशि से दंडित किया है।