शहडोल|News T20: शहडोल में हुए पटवारी प्रसन्न सिंह बघेल हत्याकांड ने पूरे मध्य प्रदेश में हड़कंप मचाया . अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है. मृतक पटवारी की पत्नी और बेटी 6 जनवरी को शहडोल कलेक्टर वंदना वैद्य से मिलने पहुंची.इस मुलाकात के बाद बेटी दिया सिंह ने कलेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उसने कहा कि कलेक्टर वंदना ने उन्हें कई चक्कर कटवाए. एक महीने बाद मिलने बुलाया तो हम रीवा से शहडोल आ गए. कलेक्टर ने 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी. हमें ये आर्थिक सहायता नहीं चाहिए. हमारी दूसरी मांगे हैं. अगर ये मांगे नहीं मानी गईं तो हम धरने पर बैठेंगे. हमारे पिता को शहीद का दर्जा दिया जाए.
रीवा से आकर घंटो किया इंतजार
मृतक पटवारी की बेटी दिया सिंह का कहना है कि हम लोग 3 दिसंबर से कलेक्टर से मिलने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन, हमें टाइम नहीं दिया जा रहा था. किसी तरह जब हम शहडोल पहुंचे तो 3 घंटे तक चेंबर के बाहर इंतजार करना पड़ा. उसके बाद हम बाहर बैठे रहे और कलेक्टर उठ कर बंगले चली गईं. जब हमें इस बात की जानकारी लगी तो हम लोगों ने उन्हें फोन किया. इसके बाद शाम को कलेक्टर वापस आईं. फिर हमसे मुलाकात की. उनसे बातचीत के दौरान लगा कि वो हमें टालने का प्रयास कर रही हैं
बता दें, कुछ महीनों पहले 26 नवंबर की रात देवलोंद थाना अंतर्गत सुखाड़ में झिरिया टोला के पास पटवारी प्रसन्न सिंह बघेल की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर दी गई थी. पटवारी अपने 3 अन्य साथियों के साथ सोन नदी से रेत का अवैध खनन रोकने गए थे. उनकी हत्या के मामले में ही पटवारी की बेटी दिया सिंह अपनी मां के साथ कलेक्टर वंदना वैद्य से मिलने पहुंची थी. दिया ने कलेक्टर से मुलाकात के बाद मीडिया से कहा कि कलेक्टर ने मदद के नाम पर 25 हजार रुपये देने की बात की है. वह पैसे हमे नहीं चाहिए. हमने कलेक्टर से कहा कि हत्या के आरोपियों का घर गिराया जाए. इसे लेकर कलेक्टर ने कहा कि आरोपियों का घर मैहर जिले में आता है. इसलिए वहां के कलेक्टर से बात करनी पड़
दिया ने कहा कि प्रशासन की कार्यवाही से हम संतुष्ट नहीं हैं. अभी तक लापरवाही को लेकर एसडीएम और तहसीलदार पर आरोप तय नहीं हुए हैं. इस मामले में कलेक्टर का कहना है कि पटवारी को उन्होंने ही मौके पर भेजा था. दिया ने कहा जब हमने कलेक्टर से कहा कि पिता को शहीद का दर्जा दिया जाए तो जवाब मिला कि इस मामले में कलेक्टर की तरफ से पूरी कार्रवाई कर दी गई है.