
सरगुजा (छत्तीसगढ़)। जिले की कुसमी तहसील से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां शासकीय जमीन पर कब्जा करने के लिए दस्तावेजों में कूट रचना (फर्जीवाड़ा) की गई। इस घोटाले में एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका, उनका बेटा और एक पूर्व पटवारी शामिल पाए गए।
शिकायत के बाद खुला मामला
इस पूरे घोटाले का भंडाफोड़ तब हुआ, जब नायब तहसीलदार पारस शर्मा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, वर्ष 2013-14 के बी-1 रिकॉर्ड में फर्जी तरीके से शिक्षिका सरस्वती गुप्ता, उनके बेटे अंबिकेश गुप्ता और तत्कालीन पटवारी बिहारी कुजूर ने अपना नाम दर्ज करवाया था।

फर्जी आदेश और छेड़छाड़ से न्यायालय को किया गुमराह
जांच में पाया गया कि तीनों आरोपियों ने न केवल रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की, बल्कि फर्जी दस्तावेज और आदेश बनाकर न्यायालय को भी भ्रमित करने की कोशिश की।
पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई
पुलिस ने इन तीनों आरोपियों के खिलाफ IPC की धाराएं 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (दस्तावेज की जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल), 120-B (आपराधिक साजिश) और 34 (सामूहिक अपराध) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। पूछताछ के बाद तीनों को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।
