जांजगीर-चांपा। जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां फर्जी अंकसूची के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने वाले सहायक शिक्षक को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। यह मामला शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बेलटा का है। सहायक शिक्षक जनक प्रसाद चौहान पर आरोप था कि उन्होंने 12वीं कक्षा की अंकसूची में गलत जानकारी देकर नौकरी हासिल की थी।

चौहान द्वारा जमा कराई गई अंकसूची में 306 अंक प्राप्त होना दर्शाया गया था। लेकिन जब शिक्षा मंडल की आधिकारिक सूची से मिलान किया गया, तो उनके वास्तविक अंक केवल 225 पाए गए। इस गड़बड़ी के सामने आने के बाद पूरे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।

जांच के बाद खुला फर्जीवाड़ा

शिक्षा विभाग ने मामले की जांच कराई। जांच रिपोर्ट में साफ हुआ कि सहायक शिक्षक ने नौकरी पाने के लिए जाली दस्तावेज का सहारा लिया था। रिपोर्ट मिलने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) कार्यालय की ओर से जनक प्रसाद चौहान को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।

नहीं दे पाए संतोषजनक जवाब

कारण बताओ नोटिस का जवाब देते समय आरोपी शिक्षक अपनी सफाई में संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दे सके। इसके बाद विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बड़ी कार्रवाई की। जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी कर जनक प्रसाद चौहान की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दीं।

कड़ी कार्रवाई से शिक्षा विभाग में संदेश

अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की धोखाधड़ी से शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर आंच आती है। सरकारी नौकरी पाने के लिए गलत अंकसूची प्रस्तुत करना न केवल अपराध है बल्कि यह ईमानदार अभ्यर्थियों के साथ अन्याय भी है। विभाग का मानना है कि इस कार्रवाई से उन लोगों को सख्त संदेश जाएगा, जो फर्जी दस्तावेज के आधार पर सरकारी नौकरी पाने की कोशिश करते हैं।

आगे भी होगी जांच

सूत्रों के मुताबिक जिला शिक्षा विभाग ने ऐसे मामलों की पहचान के लिए एक टीम गठित की है। आने वाले समय में अन्य नियुक्तियों की भी गहन जांच की जाएगी। यदि किसी और शिक्षक या कर्मचारी पर फर्जी दस्तावेज से नौकरी पाने का संदेह हुआ तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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