
रायपुर ED कोर्ट में सरेंडर, 16 अक्टूबर तक रिमांड पर रहेंगे
रायपुर। बहुचर्चित नान घोटाले में आरोपी रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा ने आखिरकार ED कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। कोर्ट ने दोनों को 16 अक्टूबर तक ईडी की कस्टडी रिमांड पर भेज दिया है। पूछताछ दिल्ली स्थित ED मुख्यालय में होगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत को रद्द करते हुए आदेश दिया था कि दोनों आरोपी रायपुर की ED स्पेशल कोर्ट में सरेंडर करें। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि—

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पहले 2 हफ्ते ED की कस्टडी होगी।
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उसके बाद 2 हफ्ते न्यायिक हिरासत में रहना होगा।
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इसके बाद ही जमानत का रास्ता खुलेगा।
बार-बार सरेंडर की कोशिशें हुई थीं नाकाम
आलोक शुक्ला 18 और 19 सितंबर को भी कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई।
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18 सितंबर को कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश अपलोड नहीं हुआ है।
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19 सितंबर को ईडी के वकील केस डायरी नहीं लाए थे।
तीसरी बार आने पर आखिरकार कोर्ट में सरेंडर की प्रक्रिया पूरी की गई।
क्या है नान घोटाला?
नागरिक आपूर्ति निगम (NAN) में फरवरी 2015 में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ था।
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ACB और EOW ने नान मुख्यालय समेत 28 स्थानों पर छापे मारे।
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3.50 करोड़ रुपए नकद और कई अहम दस्तावेज बरामद किए गए।
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करीब 5 हजार पन्नों का चालान पेश किया गया जिसमें 213 गवाह बनाए गए।
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IAS अफसर आलोक शुक्ला (तत्कालीन खाद्य विभाग प्रमुख सचिव) और अनिल टुटेजा (तत्कालीन नान MD) पर भी गंभीर आरोप लगे।
आलोक शुक्ला का प्रोफाइल
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पेशे से डॉक्टर रह चुके हैं।
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बाद में IAS अफसर बने और खाद्य विभाग में प्रमुख सचिव के पद पर कार्यरत रहे।
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आरोप है कि अपनी ताकत का इस्तेमाल कर उन्होंने जांच को प्रभावित करने की कोशिश की।
जांच पूरी करने की समय सीमा तय
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि—
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ED को 3 महीने में जांच पूरी करनी होगी।
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EOW को 2 महीने के भीतर जांच खत्म करनी होगी।
