
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से पुलिस विभाग की साख को हिलाने वाला मामला सामने आया है। अवैध वसूली (Illegal Extortion) की शिकायत पर एसएसपी रजनेश सिंह ने कड़ी कार्रवाई करते हुए सीपत थाने में पदस्थ एएसआई सहेत्तर कुर्रे और आरक्षक (कॉन्स्टेबल) आशीष मिश्रा को निलंबित (Suspended) कर दिया है। यह कार्रवाई प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने के बाद की गई।
चालान के नाम पर की गई अवैध वसूली
(Extortion in the name of challan revealed)

सूत्रों के अनुसार, पुलिसकर्मियों ने वाहन जांच और चालान की कार्रवाई के नाम पर एक व्यापारी से 24 हजार रुपये की उगाही की थी। शिकायत के बाद जांच में पाया गया कि यह रकम प्राइवेट कंप्यूटर ऑपरेटर राजेश्वर कश्यप के अकाउंट में दो किश्तों में — ₹22,000 और ₹2,000 — ट्रांसफर कराई गई थी।
राजेश्वर कश्यप का सीपत थाने में नियमित आना-जाना बताया जा रहा है, जिससे उसके पुलिसकर्मियों से करीबी संबंधों की भी पुष्टि होती है।
NTPC कर्मी से मांगे गए 50 हजार, डर से पी लिया जहर
(NTPC employee allegedly forced to consume poison after extortion attempt)
इसी दौरान एक अन्य शिकायत में यह सामने आया कि सीपत थाने के ही कर्मचारियों ने NTPC के एक कर्मचारी पर शराब पीकर गाड़ी चलाने का आरोप लगाते हुए ₹50,000 की रिश्वत मांगी।
पुलिसकर्मियों की धमकी से घबराकर कर्मचारी ने जहर पी लिया, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
एसएसपी ने की त्वरित जांच, एडिशनल एसपी को सौंपी जिम्मेदारी
(SSP orders swift probe and suspension)
एसएसपी रजनेश सिंह ने दोनों मामलों की जांच के लिए एडिशनल एसपी राजेंद्र जायसवाल को जिम्मेदारी सौंपी थी।
प्रारंभिक जांच में एएसआई सहेत्तर कुर्रे और कॉन्स्टेबल आशीष मिश्रा की भूमिका संदिग्ध पाई गई। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद दोनों को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है।
साथ ही, मामले की विभागीय जांच (Departmental Inquiry) शुरू करने के भी निर्देश दिए गए हैं ताकि पूरे रैकेट की सच्चाई सामने लाई जा सके।
पुलिस विभाग में हड़कंप
(Suspension sparks stir in the police department)
इस कार्रवाई के बाद बिलासपुर पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। एसएसपी ने स्पष्ट किया है कि पुलिस की छवि खराब करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और आगे भी ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी।
