
जांजगीर। साइबर अपराधियों के मनी म्यूल नेटवर्क का बड़ा पर्दाफाश हुआ है। जांजगीर पुलिस ने 100 से अधिक संदिग्ध म्यूल अकाउंट की जांच शुरू की है, जिनका इस्तेमाल साइबर ठगी की रकम ट्रांसफर करने में किया गया था। अब तक 1 करोड़ 62 लाख रुपए से अधिक का अवैध लेन-देन सामने आया है। मामले में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
एसपी के निर्देश पर बड़ी कार्रवाई
जांजगीर एसपी विजय पांडे ने चांपा थाना और साइबर टीम को जांच के निर्देश दिए थे। जांच में पता चला कि ICICI बैंक चांपा शाखा के एक खाते से करीब ₹1.62 करोड़ का अवैध ट्रांजेक्शन किया गया। यह रकम साइबर ठगी से विभिन्न खातों में आई थी और आगे निकासी व खपाने के लिए प्रयोग की जा रही थी।

रेड और तकनीकी साक्ष्यों पर गिरफ्तारी
एसपी के निर्देश पर कई टीमों ने एक साथ आरोपियों के ठिकानों पर रेड की। तकनीकी साक्ष्यों और नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपी
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पंकज कुमार खूंटे (25 वर्ष) – निवासी कवली केनापाली, थाना डभरा, जिला सक्ति
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बलराम यादव उर्फ बल्लू (29 वर्ष) – निवासी जैजैपुर, जिला सक्ति
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हरीश यादव (31 वर्ष) – निवासी जैजैपुर, जिला सक्ति
क्या है मनी म्यूल अकाउंट?
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मनी म्यूल वह व्यक्ति होता है, जिसके बैंक खाते या डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल साइबर अपराधी ठगी की रकम ट्रांसफर करने में करते हैं।
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अपराधी नौकरी, इनाम, निवेश या स्कीम का लालच देकर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं।
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मनी म्यूल अपने खाते से रकम आगे भेज देता है, जिससे ठगों की पहचान छिप जाती है।
मनी म्यूल बनने के खतरे
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आप पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लग सकता है।
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बैंक खाता और संपत्तियां जप्त हो सकती हैं।
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जेल या जुर्माना भी हो सकता है, भले ही आप अनजाने में इसमें शामिल हों।
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BNS की धारा 3(5) के अनुसार मनी म्यूल भी उतना ही अपराधी माना जाएगा जितना मुख्य ठग।
बचाव के उपाय
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अनजान स्रोतों से पैसा स्वीकार न करें।
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अपने बैंक अकाउंट और वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखें।
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यदि खाते में कोई संदिग्ध रकम आती है, तो तुरंत बैंक या पुलिस को सूचना दें।
