शीतलहर के कारण सर्दी, खांसी और सांस लेने में तकलीफ बढ़ जाती है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य केंद्रों में जरूरी दवा रखने के निर्देश दिए गए हैं। सभी कॉम्बेट दलों को मैदानी स्तर पर लगातार निगरानी व चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कहा गया है। शीतलहर के प्रभावित मरीजों की जानकारी आपदा प्रबंधन विभाग के ई-मेल आईडी [email protected] में भेजी जा रही है।
इन बातों का रखें ध्यान
सर्दी से संबंधित कोई प्रभाव शरीर पर दिखाई दे, जैसे नाक-कान, पैर-हाथ की उंगलियां आदि लाल हो जाएं, अत्यधिक कांपना, सुस्ती, कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ हो तो तत्काल स्थानीय चिकित्सक से सलाह लें।
जितना संभव हो, घर के भीतर रहें। जरूरी कार्य होने पर ही बाहर निकलें। आवश्यकतानुसार गर्म पेय पीते रहें।
वृद्ध व्यक्तियों और गर्भवती महिलाओं का गंभीरता से ध्यान रखें और उन्हें अकेला ना छोड़ें।
शीतलहर से बचाव के लिए गर्म कपड़े (स्वेटर, ऊनी कपड़े, टोपी एवं मफलर), कंबल, अलाव आदि का भी उपयोग किया जा सकता है।
स्वास्थ्यवर्धक, ताजा और गर्म भोजन करें। साथ ही बासी भोजन लेने से परहेज करें।
यदि केरोसिन व कोल हीटर का उपयोग करते हैं तो गैस व धुएं निकलने के लिए रोशन दान की व्यवस्था रखें।
समाजसेवी संस्था, दानदाताओं एवं एनजीओ के साथ आवश्यक समन्वय स्थापित कर स्लम बस्तियों के रहवासियों को गर्म कपड़े, चादर के लिए प्रोत्साहित करें।
मौसम से संबंधित समाचार व संदेशों को सुनकर उनमें दिए गए सलाह का अनुसरण करें। स्वास्थ्य संबंधी परामर्श के लिए टोल फ्री नंबर 104 पर डायल कर आवश्यक जानकारी व सुझाव प्राप्त करें।