
बस्तर। जगदलपुर स्थित सर्किट हाउस में शनिवार देर शाम बड़ा बवाल हो गया। छत्तीसगढ़ सरकार के वन एवं परिवहन मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता केदार कश्यप पर एक कर्मचारी ने मारपीट और गाली-गलौज करने का आरोप लगाया। बताया जा रहा है कि मंत्री दौरे से लौटकर सर्किट हाउस पहुंचे तो दरवाजा देर से खोला गया। इसी बात पर मंत्री नाराज हो गए और विवाद बढ़ गया।
मंत्री का बयान – “सिर्फ डांटा, मारपीट का आरोप झूठा”
मंत्री केदार कश्यप ने कर्मचारी के लगाए आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल डांटा था, मारपीट का कोई सवाल ही नहीं उठता। आरोप बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित हैं।

कार्यकर्ताओं का सम्मान सर्वोपरि – कश्यप
कश्यप ने साफ कहा, “हमारे देवतुल्य कार्यकर्ताओं का अपमान किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेसियों से हमारी तुलना नहीं हो सकती। पूर्व मंत्री कवासी लखमा के परिवार के साथ जिस तरह व्यवहार हुआ था, वैसा ही आज हमारे कार्यकर्ताओं के साथ दोहराया जा रहा है।”
कांग्रेस की कार्रवाई – थाने में शिकायत
इस विवाद पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर मंत्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इसके बाद कांग्रेस नेता पीड़ित कर्मचारी को लेकर जगदलपुर कोतवाली पहुंचे और FIR दर्ज कराई।
भाजपा कार्यकर्ताओं का बयान – “आरोप बेबुनियाद”
मौके पर मौजूद भाजपा कार्यकर्ता कीर्ति पाढ़ी ने सफाई दी कि मंत्री ने केवल सवाल उठाया कि दरवाजा क्यों देर से खोला गया। वहीं, कर्मचारी विजय पांडे ने जवाब दिया कि जब तक मंत्री नहीं आते, दरवाजा नहीं खोला जाएगा। इसी को लेकर विवाद बढ़ा।
बड़ा सवाल – सर्किट हाउस की व्यवस्था लापरवाही पर क्यों?
भाजपा कार्यकर्ताओं ने सवाल खड़े किए कि आखिर सर्किट हाउस जैसी महत्वपूर्ण जगह की व्यवस्था एक चपरासी के भरोसे क्यों है? मंत्री ने कहा कि दशकों से जमे कर्मचारियों को हटाया जाएगा और जो कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
