
रायपुर नगर निगम की बड़ी कार्रवाई
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है। रायपुर नगर निगम ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को उनके पुराने सरकारी आवास पर ₹7,258 का संपत्ति कर नोटिस भेजा है। यह वही आवास है जिसे मुख्यमंत्री रहते उन्होंने “पाटन सदन” नाम दिया था। वर्तमान में यह बंगला मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के उपयोग में है और इसे “कुनकुरी सदन” कहा जाता है।
भूपेश बघेल की तीखी लेकिन व्यंग्यात्मक प्रतिक्रिया
नोटिस मिलने पर भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर चुटीला अंदाज़ अपनाते हुए लिखा:
👉 “मैं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी को 7,258 रुपए अदा करने का वचन देता हूँ। हालांकि शासकीय आवास पर संपत्ति कर नहीं लगता और मैंने यह आवास पौने दो साल पहले ही खाली कर दिया था। फिर भी अगर नोटिस भेजा गया है, तो मैं इसे भी पूरा करूंगा। अच्छा है कि मुख्यमंत्री जी भी तैयार रहें, क्योंकि ‘कुनकुरी सदन’ का टैक्स भी तो मांगा जाएगा!”

प्रशासनिक स्तर पर जांच शुरू
इस मामले में रायपुर नगर निगम के कमिश्नर विश्वदीप ने कहा कि—
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मामले की पूरी जांच की जाएगी।
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आवश्यक जानकारी जुटाकर उचित कार्रवाई होगी।
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यदि नोटिस प्रक्रिया में कोई त्रुटि पाई जाती है तो उसे सुधारा जाएगा।
राजनीतिक गलियारों में हलचल
इस नोटिस और बघेल की प्रतिक्रिया से राजनीतिक माहौल में हलचल बढ़ गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि—
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यह मामला प्रशासनिक चूक हो सकता है।
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लेकिन राजनीतिक स्तर पर इसे विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों अपने-अपने नजरिए से भुनाने की कोशिश करेंगे।
जनता में चर्चा
आम जनता के बीच भी यह सवाल उठ रहा है कि—
➡️ क्या सरकारी आवास खाली करने के बाद भी कर वसूली सही है?
➡️ या यह प्रशासनिक औपचारिकता का हिस्सा है?
फिलहाल, नगर निगम की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी। लेकिन इतना तय है कि यह मुद्दा आने वाले दिनों में और भी ज्यादा राजनीतिक बहस का कारण बनेगा।
