
कोरबा से एक दर्दनाक हादसा, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से एक बेहद मार्मिक खबर सामने आई है, जहां मात्र 2 साल के मासूम दिव्यांश कुमार की गले में चना फंसने से मौत हो गई। यह हादसा गुरुवार सुबह का है जब बच्चा खेलते-खेलते गलती से चना निगल गया, जो उसके गले में फंस गया।
हादसा कैसे हुआ – जानिए पूरा घटनाक्रम
मृतक दिव्यांश मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा निवासी छोटू कुमार का बेटा था, जो वर्तमान में अपने चाचा और परिवार के साथ कोरबा में पानी पुरी बेचने का काम कर रहा था।
गुरुवार सुबह लगभग 8 बजे दिव्यांश आंगन में खेल रहा था और तभी वह अचानक घर के अंदर चला गया। घर में रखे चने को खाते वक्त वह उसका एक दाना निगल गया, जो गले में अटक गया।
इससे उसकी सांसें रुकने लगीं और वह ज़ोर-ज़ोर से रोने लगा।

इलाज में देरी का आरोप – परिजनों का दर्द
परिजनों ने तुरंत दिव्यांश को कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया। चाचा गोलू बंसल ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि—
“डॉक्टरों ने बच्चे की हालत को गंभीर मानते हुए टालमटोल किया, कहा कि ‘बड़े डॉक्टर आकर देखेंगे’, जिससे इलाज में देर हुई। अगर समय रहते इलाज मिलता, तो शायद दिव्यांश की जान बच जाती।”
डॉक्टरों का पक्ष – मौत पहले ही हो चुकी थी!
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हरबंश ने कहा कि जब बच्चा अस्पताल पहुंचा, तब तक उसकी हालत बेहद नाजुक हो चुकी थी।
उन्होंने बताया—
“चना गले से फेफड़ों में चला गया था, जिससे इंटरनल ब्लीडिंग शुरू हो गई थी। डॉक्टरों की टीम ने त्वरित इलाज शुरू किया, लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी।”
उन्होंने लापरवाही के आरोपों को सिरे से खारिज किया।
मासूम की मौत से इलाके में शोक – पुलिस भी नजर बनाए हुए
पोस्टमार्टम के बाद बच्चे का शव परिजनों को सौंप दिया गया है, जिसे वे मध्यप्रदेश ले गए।
हालांकि अभी तक सिविल लाइन थाने में कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं हुई है, लेकिन पुलिस पूरे घटनाक्रम की निगरानी कर रही है।
यह घटना एक सीख भी है – बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही नहीं चलेगी
यह हादसा नन्हें बच्चों की निगरानी में थोड़ी सी चूक से कितना बड़ा नुकसान हो सकता है, इसका उदाहरण बन गया है।
साथ ही, अस्पताल प्रबंधन की तत्परता और जवाबदेही पर भी यह सवाल खड़े करता है।
