कवर्धा/ कलेक्टर जिले का प्रशासनिक मुखिया होने के साथ ही जिला दंडाधिकारी होता हैं। वे अगर पुलिस को अपनी सुरक्षा के लिए पत्र लिखने लगे तो फिर कलेक्टर-एसपी के तालमेल पर सवाल उठेंगे ही। जाहिर सी बात है कि कलेक्टर-एसपी के ऑफिस अगल-बगल होते हैं। सरकार ने भी कई मर्तबा कहा है कि कलेक्टर-एसपी में पर्याप्त कोआर्डिनेशन रहे, साथ में जिलों का दौरा करें। जीएडी सिकरेट्री मुकेश बंसल ने इस साल जनवरी में कलेक्टर, एसपी को इस संबंध में एक व्हाटसएप भी भेजा था।

मामला कवर्धा जिले का है। कवर्धा न केवल संवेदनशील जिला है बल्कि उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा का गृह इलाका भी। 15 अगस्त की शाम आधी, पानी के दौरान बिजली गिरने से तीन बंदरों की मौत हो गई और दो बंदर बुरी कदर जख्मी हुए थे। तड़पते बंदरों को लेकर कुछ लोग वेटनरी अस्पताल पहुंचे, तो वहां कोई डॉक्टर मिला नहीं। फोन लगाए तो डॉक्टर का मोबाइल बंद मिला।

उसके बाद तहसीलदार को फोन लगाया गया, उनका मोबाइल बंद था। एसडीएम का भी यही हाल था। कलेक्टर भी कवर्धा में नहीं थे। नाराज होकर वहां के कुछ लोगों ने रात डेढ बजे घायल बंदर को लेकर कलेक्टर के बंगले पर धरना दे दिया। इसका वीडियो भी बनाया गया। वीडियो में कलेक्टर और सिस्टम में बैठे कुछ जिम्मेदार लोगों के खिलाफ बातें की गई। इसको लेकर बवाल मचा। उधर, पुलिस को पता चला तो रात डेढ़ बजे पेट्रोलिंग पार्टी बंदर को लेकर मवेशी डॉक्टर के घर पहुंची। डॉक्टर को उठाकर बंदर का उपचार कराया गया।

इसके तीन दिन बाद कलेक्टर गोपाल वर्मा ने 18 अगस्त को एसपी को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने लिखा है कि 19 मई 2025 की रात और उसके बाद 15 अगस्त 2025 की रात डेढ़ बजे उनके बंगले का घेराव किया गया। उन्होंने पोलिसिंग पर सवाल खड़़े करते हुए कहा है कि रात में पेट्रोलिंग पार्टी क्या कर रही थी? यह घटना सुरक्षा व्यवस्था में लगी पुलिस की गंभीर त्रुटि प्रदर्शित करती है। उन्होंने लिखा कि कलेक्टर बंगले के पास आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

जाहिर है, इससे पहले मुंगेली जिले में कबूतर को लेकर कलेक्टर-एसपी के बीच मिस कम्यूनिकेशंस का मामला सामने आया था। 15 अगस्त 2024 को स्वतंत्रता दिवस समारोह में एसपी कबूतर उड़ा रहे थे। मगर कबूतर उड़ने की बजाए नीचे गिर कर खत्म हो गया था। इसके बाद एसपी ने कलेक्टर को पत्र लिख इसकी जांच कराने कहा था कि आखिर कबूतर मरा क्यों? जबकि बाकी लोगों का उड़ गया? एसपी के पत्र लिखने के कुछ दिन बाद सरकार ने उन्हें हटा दिया था। कबूतर के बाद अब बंदर प्रसंग पर कलेक्टर ने एसपी को पत्र लिख दिया है।

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