रायपुर/रोजगार|News T20: छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में कॉन्स्टेबल भर्ती के लिए एक जनवरी को नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया. 30 जनवरी तक अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं. लेकिन कॉन्स्टेबल भर्ती के उम्मीदवार आयु सीमा में छूट की मांग कर रहे हैं.
इसके अलावा प्रदेश की SI भर्ती के फाइनल रिज़ल्ट जारी करने की मांग भी की जा रही है. ये मामला फिलहाल अदालत में अटका है. कुछ उम्मीदवार इस रिज़ल्ट को रद्द करने की मांग भी कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ पुलिस कॉन्स्टेबल और SI भर्ती से जुड़ा ये पूरा मामला क्या है, विस्तार से जानते हैं.
SI भर्ती के लिए नोटिफिकेशन
23 अगस्त 2018 को भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया. राज्य में तब BJP की सरकार थी. कुल पद थे 665. अभ्यर्थी 24 अगस्त से 16 सितंबर 2018 के बीच अप्लाई कर सकते थे. अभ्यर्थियों द्वारा डाली गई RTI से मिली जानकारी के मुताबिक 1 लाख 27 हजार 402 उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था. भर्ती दो चरणों में होनी थी. पहला चरण- डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और फिज़िकल टेस्ट. दूसरा चरण- लिखित परीक्षा. लेकिन भर्ती के लिए टेस्ट की डेट्स नहीं जारी की गईं.
सरकार बदलने पर अटकी परीक्षा
दिसंबर 2018 में राज्य में सरकार बदली. 17 दिसंबर को कांग्रेस के भूपेश बघेल ने CM पद के लिए शपथ ली. तीन साल बीत गए. लेकिन SI भर्ती पूरी नहीं हुई. कांग्रेस सरकार ने 24 जुलाई 2021 को नई अधिसूचना जारी की. कहा गया कि SI भर्ती नए सिरे से कराई जाएगी. एक अक्टूबर 2021 को भर्ती के लिए नया नोटिफिकेशन जारी किया गया. इस बार कुल पदों की संख्या थी 975. 31 अक्टूबर 2021 तक अभ्यर्थी इसके लिए अप्लाई कर सकते थे. भर्ती के लिए एज लिमिट 21 से 34 वर्ष के बीच रखी गई.
बिगड़ा शेड्यूल, छात्र हुवे परेशान
लेकिन नोटिफिकेशन में किसी भी चरण की परीक्षा के लिए शेड्यूल घोषित नहीं किया गया. इसलिए छात्र असमंजस में थे कि कब परीक्षा होगी और कब-कब कौन सा चरण आयोजित किया जाएगा. इस बार एग्जाम के फॉर्मैट में भी बदलाव किया गया. कुल 5 चरण रखे गए. फिज़िकल मेज़रमेंट, प्री रिटेन टेस्ट, मेन्स रिटेन टेस्ट, पहली लिस्ट और आखिरी में फिज़िकल टेस्ट. भर्ती परीक्षा में इंटरव्यू भी रखा गया था. जो कि 100 अंकों का था. इसी को लेकर विवाद हो गया. मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले फैसलों में कहा है कि ग्रुप C और ग्रुप D के पदों पर होने वाली भर्ती के लिए इंटरव्यू की कोई जरूरत नहीं है. लेकिन SI भर्ती में इंटरव्यू रखा गया था. जो कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है।
SI भर्ती परीक्षा का पहला चरण जून 2022 में कराया गया. परीक्षा के लिए अप्लाई किया कुल एक लाख 48 हजार 858 उम्मीदवारों ने. अगले चरण में चयन हुआ 70 हजार 741 अभ्यर्थियों का. दूसरा चरण 29 जनवरी 2023 को आयोजित किया गया. प्री रिटेन टेस्ट पहले नवंबर 2022 में होना था. लेकिन इसे स्थगित कर जनवरी 2023 में कराया गया. इसको लेकर भी उम्मीदवारों के बीच नाराजगी थी. SI परीक्षा से जुड़े रायगढ़ के रहने वाले सोनू ने लल्लनटॉप को बताया-
“भर्ती परीक्षा अचानक रद्द होने की वजह से हमें हताशा थी. 2018 में परीक्षा का नोटिफिकेशन आया था. तीन साल तक सरकार परीक्षा ही नहीं करा पाई. अब जब होनी थी, तो उसे आगे बढ़ा दिया गया. इसके कारण अभ्यर्थी विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो गए.”
16 जनवरी 2023 को अभ्यर्थियों को बताया गया कि 29 जनवरी को प्री रिटेन टेस्ट आयोजित किया जाएगा. परीक्षा से जुड़े अभ्यर्थियों का कहना है कि पुलिस विभाग ने बिना किसी तयशुदा कार्यक्रम के 13 दिन के अंदर ही प्रारंभिक परीक्षा आयोजित कराने की घोषणा कर दी. अचानक हुए ऐलान ने उम्मीदवारों को परेशान कर दिया. 29 जनवरी को 62 हजार 991 अभ्यर्थी प्री टेस्ट में शामिल हुए.
महिला आरक्षण पर कोर्ट तक पहुंचा मामला
22 फरवरी 2023 को आयोग ने परीक्षा की मॉडल आंसर की जारी की. इसके बाद कंबाइंड मेरिट लिस्ट जारी की गई. 16 मई को प्री टेस्ट का रिज़ल्ट जारी किया गया. 20 हजार 618 अभ्यर्थी अगले चरण के लिए सेलेक्ट हुए. परीक्षा के नियम के अनुसार, कुल रिक्त पदों में से 30 फीसदी पद महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित होने थे. लेकिन पहले चरण के बाद सेलेक्ट हुई महिला कैंडिडेट की संख्या इससे ज्यादा थी. इसको लेकर उम्मीदवारों ने कोर्ट का दरवाजा खटकाया. हाई कोर्ट ने 18 अगस्त 2023 को आयोग से कहा कि इसे ठीक करिए.
हजारों अभ्यर्थियों को हुआ नुकसान
SI भर्ती से जुड़े उम्मीदवारों का दावा है कि महिला आरक्षण विवाद के कारण सामान्य, एससी, एसटी और ओबीसी कैटेगरी के लगभग 2000 उम्मीदवार परीक्षा के अगले दौर के लिए सेलेक्ट होने से वंचित रह गए. कोर्ट के आदेश के बावजूद तत्कालीन सरकार ने कभी भी भर्ती प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई.
इस बीच 26, 27 और 28 मई 2023 को मेन्स लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया. 4 जून को इसकी मॉडल आंसर की जारी हुई. 21 जून को आयोग ने मेन्स परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया. 4,875 अभ्यर्थी फिज़िकल टेस्ट के लिए सेलेक्ट हुए. इस चरण के बाद अभ्यर्थियों ने फिर से परीक्षा में धांधली के आरोप लगाए. दावा किया गया कि महिला आरक्षण के अलावा एक्स-सर्विसमेन अभ्यर्थियों के आरक्षण नियमों का भी उल्लंघन किया गया. अभ्यर्थियों ने इसको लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि अंतिम फैसले आने तक एक्स-सर्विसमेन अभ्यर्थियों के लिए 153 पद खाली रखे जाएं.
अभ्यर्थियों ने कथित तौर पर ये भी आरोप लगाए कि भर्ती परीक्षा में 11 अभ्यर्थी ऐसे थे जिन्होंने फॉर्म भरते वक्त कोई और पोस्ट सेलेक्ट की थी और मुख्य लिखित परीक्षा परिणाम में पुलिस विभाग ने उन्हें किसी और पोस्ट के लिए सेलेक्ट कर लिया. अभ्यर्थियों ने इस मुद्दे को भी कोर्ट में उठाया. लेकिन इस पर विभाग ने कोई भी स्पष्टीकरण नहीं दिया. उम्मीदवारों ने आरोप लगाए कि 120 अभ्यर्थी ऐसे थे जिनकी दो बार गणना की गई. उम्मीदवारों का ये भी कहना है कि परीक्षा व्यापमं ने ली और परिणाम पुलिस विभाग द्वारा जारी किए जा रहे हैं, ये संदेह पैदा करता है.
2 अगस्त 2023 को परीक्षा को चौथा चरण आयोजित किया गया. लेकिन अभी तक परीक्षा कोर्ट में अटकी हुई है. उम्मीदवारों का आरोप है कि प्लाटून कमांडर पद से संबंधित विसंगतियों के कारण लगभग 2500 अभ्यर्थियों को अयोग्य घोषित कर दिया गया था. जिसमें 2000 प्री स्टेज और 500 मेन्स स्टेज में बाहर हुए थे. भर्ती में शामिल हुए सोनू ने कहा कि वो चाहते हैं कि सरकार भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच कराए. साथ ही उम्मीदवारों द्वारा लगाए गए आरोपों पर गंभीरता से विचार करें.
अब बात कॉन्स्टेबल भर्ती की. उम्मीदवार आयु सीमा में छूट की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा महिला उम्मीदवार कद सीमा में भी छूट की मांग कर रही हैं. कॉन्स्टेबल भर्ती के लिए 3 जनवरी 2018 को नोटिफिकेशन जारी किया गया था. 4 फरवरी तक उम्मीदवार इसके लिए अप्लाई कर सकते थे. कुल पदों की संख्या थी 2259. परीक्षा का फिज़िकल टेस्ट अप्रैल-मई 2018 में आयोजित किया गया. इसके बाद सितंबर 2018 में रिटेन टेस्ट हुआ. लेकिन कॉन्स्टेबल भर्ती का फाइनल रिजल्ट नहीं आया. परीक्षा हुई BJP सरकार में. दिसंबर 2018 में सरकार बदली. कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनाई. भर्ती अटक गई. तीन साल बीत गए भर्ती फाइनल नहीं हो पाई.
कांग्रेस सरकार ने शुरू किया नई सिरे से भर्ती
साल 2021 में कांग्रेस सरकार ने कॉन्स्टेबल भर्ती भी नए सिरे से कराने का आदेश दिया. सरकार ने कहा कि फिज़िकल टेस्ट के आधार पर उम्मीदवारों को भर्ती में सेलेक्ट किया जाएगा. फरवरी 2021 में फिर से फिज़िकल टेस्ट आयोजित किया गया. दो महीने के भीतर इसका रिज़ल्ट आ गया. जिसके बाद सेलेक्टेड कैंडिडेट्स को जॉइनिंग दे दी गई. BJP के शासन में निकाली गई भर्ती की जॉइनिंग तीन साल में हो पाई. इसके बाद कांग्रेस शासन में 2023 तक कोई भी भर्ती नहीं निकाली गई.
20 अक्टूबर 2023 को कांग्रेस सरकार ने कॉन्स्टेबल भर्ती के लिए नोटिफिकेशन निकाला. ठीक विधानसभा चुनाव से पहले. कुछ दिनों बाद आचार संहिता लागू हो गई. भर्ती अटक गई. 3 दिसंबर 2023 को विधानसभा चुनाव के नतीजे आए. BJP ने सत्ता में वापसी की और नए सिरे से कॉन्स्टेबल भर्ती कराने का आदेश दिया.
SI भर्ती की तर्ज पर कॉन्स्टेबल भर्ती में दिया गया छूट
कुल 5,967 पदों पर भर्ती निकाली गई. नोटिफिकेशन जारी हुआ 1 जनवरी 2024 को. जिसके लिए उम्मीदवार 30 जनवरी तक अप्लाई कर सकते हैं. लेकिन अब उम्मीदवार भर्ती परीक्षा में आयु सीमा छूट देने की मांग कर रहे हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार नियमित रूप से भर्ती नहीं कराती है. जिसके कारण हजारों अभ्यर्थी ओवरएज हो जाते हैं. उम्मीदवार इसके लिए SI भर्ती में आयु सीमा में दी गई छूट का हवाला भी दे रहे हैं. अभ्यर्थियों से पूछने पर जानकारी मिली।
“2018 की भर्ती तीन साल तक लटकी रही. उम्मीदवार कितना इंतजार करें. सरकार चुनाव आने से ठीक पहले भर्ती निकालती है. लेकिन वो पूरी नहीं हो पाती. आखिर हमारी क्या गलती है इसमें. नियमित रूप से परीक्षा ना होने के कारण कई उम्मीदवारों की उम्र ज्यादा हो जाती है. सरकार को ये ध्यान में रखते हुए आयु सीमा में छूट देनी चाहिए. हजारों अभ्यर्थियों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.”
अभ्यर्थी ने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ SI भर्ती 2018 में आयु सीमा 18 से 28 वर्ष थी. ये सामान्य वर्ग के लिए था. वहीं रिज़र्व्ड कैटेगरी के लिए आयु सीमा 18 से 33 वर्ष के बीच थी. अभ्यर्थी के मुताबिक 2021 में SI भर्ती के लिए उम्मीदवारों को छूट दी गई. जनरल कैटेगरी के लिए इसे 21 से 34 वर्ष कर दिया गया. और रिजर्व्ड कैटेगरी के लिए 21 से 39 वर्ष. जिसके मुताबिक अभ्यर्थियों को पांच साल की छूट दी गई. कॉन्स्टेबल भर्ती से जुड़े अभ्यर्थी इसी आधार पर आयु सीमा में छूट की मांग कर रहे हैं.
सालों-साल कोई भर्ती नहीं
उम्मीदवारों का ये भी कहना है कि पिछले पांच साल में सिर्फ एक ही भर्ती हुई है. वो भी पिछली सरकार में निकाली गई थी. पांच-पांच साल भर्ती ना आने से अभ्यर्थियों को निराशा होती है. अभ्यर्थियों ने आयु सीमा में छूट के लिए दूसरे राज्यों की पुलिस भर्ती और अन्य भर्तियों का हवाला भी दिया. उनका दावा है कि कोविड लॉकडाउन के चलते कई राज्यों ने भर्ती परीक्षा में आयु की छूट दी है, छत्तीसगढ़ सरकार को भी अभ्यर्थियों की सुननी चाहिए.