दुर्ग / विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में आज कलेक्टोरेट सभागार में कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा द्वारा विभागाध्यक्षों की बैठक ली गई। बैठक में कृषि, उद्यानिकी, मंडी, बीज निगम, फिशरी और वेटनरी के विभागाध्यक्ष शामिल थे। कलेक्टर ने कृषि विभाग की समीक्षा के साथ बैठक प्रारंभ की। जिसमें फसल बीमा योजना पर चर्चा के दौरान कलेक्टर ने पाया कि फसल बीमा करवाने वाले किसान भी क्लेम न करवा पाने की स्थिति में बीमा के लाभ से वंचित हो जाते हैं।
उपस्थित संबंधित अधिकारी ने जानकारी दी कि फसल के नुकसान की स्थिति में बीमा पंजीकृत किसान को बीमा कंपनी और संबंधित विभाग के अधिकारी को इससे अवगत कराना रहता है। उसके पश्चात् संबंधित अधिकारी फील्ड में जाकर वस्तु स्थिति का निरीक्षण करते हैं और रिपोर्ट बनाकर बीमा क्लेम के लिए अग्रिम कार्यवाही करते हैं।
चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि बहुत से बीमा पंजीकृत किसान जानकारी के अभाव या जटिलता के चलते बीमा क्लेम से वंचित रह जाते हैं जिस पर कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों से कहा कि वो अपने पास प्रत्येक फसल बीमा करवाने वाले किसानों की सूची रखे और जहां भी आपदा अन्य कारणों से किसानों के फसल का नुकसान हुआ है उनके बीमा क्लेम के लिए उन्हें सहायता प्रदान करे। बीमा के पंजीकरण और क्लेम दोनों स्थिति में सुधार हो और ज्यादा से ज्यादा किसान इसका लाभ ले सके ।
इसके लिए अधिकारी योजना से संबंधित जानकारी और वांछित दस्तावेजों के बारे में डोर टू डोर कैंपेन कर और अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कर किसानों को बीमा व शासन द्वारा चलाई जा रही अन्य किसान हितैषी योजनाओं से जोडे़। विभाग द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़े के अनुसार फसल बीमा पर 8 करोड़ प्रीमियम पर किसानों को 47 करोड़ का क्लेम प्राप्त हो चुका है।
इसलिए कलेक्टर ने स्पष्ट रूप से फसल बीमा में किसानों शत-प्रतिशत भागीदारी के लिए संबंधित अधिकारी को आदेशित किया कि वो खरीफ और रबी के सीजन के पर बीमा पंजीयन के लिए निर्धारित की गई तिथि किसानी की भागीदारिता को बढ़ाएं। इसके अलावा कलेक्टर ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना, जैविक खेती, मिलेट् उत्पादन, किसान समृद्धि योजना, किसान सम्मान निधि, आत्मा योजना, अक्ति बीज संवर्धन योजना इत्यादि पर भी चर्चा की।
बैठक में मत्स्य विभाग से चर्चा हुई जिसमें मत्स्य विभाग के उपसंचालक ने बताया कि राज्य पोषित योजनांतर्गत 2022-23 में 09 करोड़ फिश स्पॉन का उत्पादन कर विभाग ने एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जिसका ट्रांसपोर्ट राज्य के विभिन्न जिलों एवं राज्य के बाहर भी किया जा रहा है। इसके अलावा संपदा योजनांतर्गत बचत सह राहत योजना, राज्य पोषित योजना, मनरेगा अंतर्गत बीज संचयन को लेकर भी चर्चा हुई।
इसके साथ ही उद्यानिकी विभाग ने राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना अंतर्गत सब्जी बीज उत्पादन, फल, सब्जी, फूल व मसाला क्षेत्र विस्तार, संरक्षित खेती, उद्यानिकी यंत्री करण, इंटीग्रेटेड पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमंेट और आदर्श बाड़ी फलोद्यान जिसमें लगाए जाने वाले विभिन्न फलांे की प्रगति को लेकर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।