नई दिल्ली- सोना अभी अपने ऑल टाइम हाई के आसपास ही चल रहा है. भारत में सरकार द्वारा कस्टम ड्यूटी घटाए जाने के बाद सोने की कीमत एकदम से गिरी थी, मगर महीनेभर में ही यह फिर से बढ़ गई. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तो दिग्गज निवेशक और बड़े इन्वेस्टमेंट बैंक भी सोने में ही सुरक्षित भविष्य देख रहे हैं.
गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने निवेशकों को सलाह दी है कि आने वाले समय में सोने में भरोसा बनाए रखें और इसी को अपनी पहली पसंद बनाएं. आर्थिक अनिश्चितताओं के खिलाफ सोना ही एक मजबूत सुरक्षा कवच के रूप में देखा जाना चाहिए. गोल्डमैन का मानना है कि सोने की कीमतें जल्द ही बढ़ने वाली हैं.
इस भविष्यवाणी के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि अमेरिका का फेडरल रिजर्व निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. इन कटौतियों के बाद पश्चिमी पूंजी का सोने के बाजार में प्रवाह बढ़ सकता है, जो हाल के सोने की कीमतों में उछाल के दौरान पूरी तरह से नहीं देखा गया था.
गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों ने एक नोट में कहा, “निकट भविष्य में फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती से वेस्टर्न निवेश सोने के बाजार में वापस आएगा, जो पिछले 2 वर्षों में देखी गई सोने की तेज रैली के दौरान काफी हद तक अनुपस्थित थी.” इस नोट का शीर्षक था ‘गो फॉर गोल्ड’.
इस साल स्पॉट गोल्ड पहले ही 21% बढ़ चुका है और 20 अगस्त को 2,531.60 डॉलर प्रति औंस (2,12,549.09 रुपये प्रति 28 ग्राम / लगभग 75,910 रुपये प्रति 10 ग्राम) का ऑल टाइम हाई छू चुका है. इस तेजी को देखते हुए गोल्डमैन सैक्स ने अपने गोल्ड प्राइस टारगेट को बढ़ाकर 2,700 डॉलर (2,26,687.68 रुपये प्रति 28 ग्राम / लगभग 80,959 रुपये प्रति 10 ग्राम) कर दिया है, और उम्मीद जताई है कि यह स्तर 2024 के अंत की बजाय 2025 की शुरुआत तक पहुंच सकता है. गूगल पर उपलब्ध आंकड़ों के हिसाब से 2 सितंबर को दिल्ली में सोने का भाव 73,395 रुपये प्रति 10 ग्राम था.
गिरने नहीं देगा चीन
इस बदलाव का एक कारण चाइनीज बाजार का प्राइस-सेंसेटिव नेचर भी है. गोल्डमैन का यह भी मानना है कि अगर सोने की कीमतों में कोई बड़ी गिरावट आई, तो इससे चीन से फिर से खरीदारी बढ़ेगी, जो कीमतों में गिरावट के खिलाफ एक सुरक्षा कवच का काम करेगी. उन्होंने कहा, “हम मानते हैं कि वही प्राइस-सेंसेटिविटी सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट के खिलाफ एक तरह का इंश्योरेंस करती है, जो संभवतः चीनी खरीदारी को फिर से बढ़ावा देगी.”
इसके विपरीत, गोल्डमैन अन्य कमोडिटीज़ को लेकर अधिक सतर्क है. उदाहरण के लिए, बैंक को उम्मीद है कि तेल की कीमतों में केवल मामूली वृद्धि होगी, क्योंकि इस गर्मी में घाटा कम हुआ है और 2025 में थोड़ा अधिक सरप्लस होने की संभावना है. गोल्डमैन का यह सावधान रुख तांबा और एल्युमीनियम जैसी धातुओं पर भी लागू होता है, जहां उन्होंने मूल्य लक्ष्यों को कम कर दिया है और मांग-आपूर्ति मुद्दों के कारण पूर्वानुमानों में देरी की है.
गोल्ड में निवेश करने के फायदे, एक से बढ़कर एक
इसके अलावा, गोल्डमैन ने अस्थायी रूप से जिंक पर अपनी कवरेज को रोक दिया है और निकल पर भी नकारात्मक रुख अपनाया हुआ है. संक्षेप में, वर्तमान आर्थिक माहौल में जहां गोल्डमैन सैक्स विभिन्न कमोडिटी बाजारों में चुनौतियां देखता है, वहीं सोने को वह निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प मानता है.