
सुकमा में नक्सलियों का खूनी खेल
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से एक बार फिर नक्सली हिंसा की दर्दनाक खबर सामने आई है। जगरगुंडा थाना क्षेत्र के सिलगेर इलाके में नक्सलियों ने निर्दोष शिक्षादूत लक्ष्मण बारसे (30 वर्ष) की बेरहमी से हत्या कर दी।
धारदार हथियार से मौत के घाट उतारा
लक्ष्मण बारसे मूल रूप से बीजापुर जिले के ग्राम पेगड़ापल्ली का रहने वाला था और इन दिनों सिलगेर के मंडीमरका में शिक्षादूत के तौर पर कार्यरत था।

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वे ग्रामीण बच्चों को शिक्षा देकर नई रोशनी फैला रहे थे।
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लेकिन नक्सलियों ने उन्हें पुलिस का मुखबिर बताकर धारदार हथियार से हमला कर मौत के घाट उतार दिया।
परिजनों को भी नहीं छोड़ा
हमले के दौरान जब लक्ष्मण के परिजन बीच-बचाव करने पहुंचे तो नक्सलियों ने उन्हें भी बेरहमी से पीटा। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में भय और दहशत का माहौल फैल गया है।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही सुरक्षाबल मौके पर रवाना हो गए।
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जगरगुंडा पुलिस ने कहा कि विस्तृत जांच की जा रही है।
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नक्सलियों की इस हरकत को कायराना हमला बताया जा रहा है।
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क्षेत्र में उनकी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
शिक्षा और विकास पर नक्सली हमले
गौरतलब है कि नक्सली अक्सर शिक्षा दूतों, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को पुलिस का सहयोगी बताकर निशाना बनाते हैं।
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पिछले वर्षों में कई शिक्षकों और शिक्षा दूतों को नक्सली हिंसा का शिकार बना चुके हैं।
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यह वारदात फिर से सवाल खड़ा करती है कि विकास और शिक्षा की राह पर चलने वालों को क्यों निशाना बनाया जा रहा है।
ग्रामीणों की मांग
स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि—
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शिक्षा दूतों और सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
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ताकि वे बिना भय के ग्रामीण इलाकों में अपनी सेवाएं दे सकें।
