रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार शाम को अचानक राजधानी रायपुर के लाखेनगर स्थित हिंद स्पोर्टिंग मैदान में लगाए गए पटाखा मार्केट पहुंचे। यहां उन्होंने दिवाली के लिए लगभग एक हजार रुपए के फटाके खरीदे। बाजार में अचानक मुख्यमंत्री को देख व्यापारियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। व्यापारियों ने सीएम बघेल का स्वागत किया और उनकी पसंद के पटाखे दिए।
इस मौके पर उनके साथ संसदीय सचिव विकास उपाध्याय विधायक कुलदीप जुनेजा और महापौर एजाज ढेबर भी साथ थे। इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिवाली की खरीदारी करने रायपुर के गोल बाजार पहुंचे। मुख्यमंत्री ने गुप्ता गली में स्थानीय को कुम्हारों से मिट्टी के दिए और मटकी खरीदी। इस मौके पर दुकानदारों और स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री को लौंग इलायची खिलाकर उनका अभिवादन किया। मुख्यमंत्री ने दिवाली पूजन की सामग्री भी खरीदी। गुजराती मिष्ठान भंडार से दिवाली की मिठाई, ऑरेंज बर्फी, मिल्क केक और फल्ली दाने की चक्की भी खरीदी।
धनतेरस पर अपने निवास पर बांधी धान की झालर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धनतेरस पर अपने निवास के द्वार पर धान की झालर बांधने की रस्म पूरी की। दीपावली के दौरान खेतों में जब नयी फसल पककर तैयार हो जाती है, तब ग्रामीण धान की नर्म बालियों से कलात्मक झालर तैयार करते हैं। इनसे घरों की सजावट कर वे अपनी सुख और समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उन्हें पूजन के लिए आमंत्रित करते हैं।
ऐसा लोक विश्वास है कि उनका यह आमंत्रण उन चिड़ियों के माध्यम से देवी तक पहुंचता है, जो धान के दाने चुगने आंगन और द्वार पर उतरती हैं। इस तरह प्रदेश की लोक-संस्कृति अपनी खुशियों को प्रकृति के साथ बांटती है और उसे सहेजती है। छत्तीसगढ़ में बस्तर से लेकर सरगुजा तक धान की झालर घर के आंगन और द्वार पर लटकाए जाने की परंपरा है। जिसे पहटा अथवा पिंजरा भी कहा जाता है।