Pooja Bhatt: अभी साल भर भी नहीं हुआ, जब रणवीर सिंह (Ranveer Singh Nude) ने एक पत्रिका के लिए न्यूड तस्वीर खिंचाई थीं और हर तरफ हंगामा खड़ा हो गया था. इंटरनेट से लेकर न्यूज चैनलों पर तहलका मचा था. रणवीर के खिलाफ केस भी हुआ. लेकिन आज से कोई ढाई दशक पहले रणवीर नहीं बल्कि एक एक्ट्रेस एक मैग्जीन के कवर (Magazine Cover) पर ऐसे आई थी, मानो वह न्यूड हो. इन दिनों बिग बॉस ओटीटी 2 (Bigg Boss OTT 2) में हिस्सा ले रहीं पूजा भट्ट की तस्वीरों ने हर किसी को हैरान कर दिया था. कहा गया था कि पूजा भट्ट के शरीर पर कोई वस्त्र नहीं हैं. लेकिन वह न्यूड नहीं दिख रहीं क्योंकि उनके शरीर पर शर्ट, पैंट और कोट की तरह रंग पेंट किए गए हैं.
बर्थडे सूट में एक्ट्रेस
उस जमाने ऐसे साहस दिखाना बड़ी बात थी. 1990 के दशक में पूजा ने एक फिल्म मैगजीन के लिए बॉडी पेंट करा के कवर के लिए पोज किया था. यह पेंट थ्री-पीस फॉर्मल सूट के के रूप में सफेद शर्ट और लाल टाई डिजाइन के रूप में था. इसमें उसके शरीर पर चिपके बटन भी शामिल थे. कवर पर पत्रिका ने लिखाः पूजा डेयर्स टू अपीयर इन हर बर्थडे सूट. बर्थडे सूट का अंग्रेजी में मतलब होता है, न्यूड (Nude) होना. चूंकि इंसान बिना किसी वस्त्र के पैदा होता है, इसलिए बर्थडे सूट (Birthday Suit) का मतलब नग्न होना कहा जाता है. पूरी दुनिया में बॉडी पेंटिंग (Body Painting) एक कला है. असल में इंटरनेशनल मैग्जीन वैनटी फेयर के कवर पर हॉलीवुड एक्ट्रेस (Hollywood Actress) डेमी मूर (Demi moor) कुछ समय पहले इसी अंदाज में आ चुकी थीं. इसलिए मूवी मैग्जीन के एडिटर ने उससे प्रेरित होकर इस संबंध में पूजा भट्ट से बात की थी. पूजा बोल्ड एक्ट्रेस थीं. वह तुरंत सहमत हो गईं.
पांच की जगह पचास
बताया जाता है कि उस दौर के चर्चित फोटोग्राफर जगदीश माली के स्टूडियो में रात 10 बजे से अगले छह घंटों तक पूजा के शरीर को पेंट किया गया. यह सुनिश्चित किया गया कि पेंट नॉन-एलर्जिक हो. बाद में बताया गया कि पूजा ने पेंट के नीचे अंडरगारमेंट्स (Undergarments) पहने हुए थे. यह मैग्जीन पूजा के 21वें जन्मदिन पर रिलीज की गई थी. इस पर काफी विवाद हुआ. लेकिन कई लोगों ने इसे एक कवर को एक कलाकृति की तरह देखने की वकालत की और पूजा के साहस की दाद दी. उन दिनों मूवी मैग्जीन की कीमत 10 थी, लेकिन इसकी डिमांड इतनी बढ़ी कि यह कई जगहों पर 50 रुपये तक बिकी. यही नहीं, मुंबई के सांताक्रूज रेल्वे स्टेशन पर एएच व्हीलर के बुक स्टॉल से महीने जहां पांच प्रतियां बिकती थीं, वहां दो दिन में इस अंक की 50 कॉपियां बिक गईं.