लखनऊ: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए उत्तर प्रदेश बीजेपी ने कमर कस ली है. इसी क्रम में आज यूपी बीजेपी अपनी नई कार्यकारिणी की घोषणा करने वाली है. संभावना है कि इसमें कई नए चेहरों को जगह दी जाएगी. वहीं कई नेताओं को हटाया भी जा सकता है. दिल्ली में संभावित कार्यकारिणी को लेकर मंथन हो चुका है. नाम भी फाइनल हो गए हैं, बस अब प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की ओर से इसकी घोषणा होनी बाकी है.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्रदेश कार्यकारिणी की संरचना इस प्रकार से की गई है कि अगड़े पिछड़े और दलितों को उचित स्थान दिया जा सके. गौरतलब है कि छह महीने पहले ही प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की नियुक्ति हो गई थी, लेकिन अभी तक उनकी कार्यकारिणी का विस्तार नहीं हो सका था. हालांकि इसके लिए भूपेंद्र चौधरी और धर्मपाल सिंह ने पहले ही सीएम योगी और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक से विचार विमर्श करने के बाद पैनल तैयार कर लिया है.
पदाधिकारियों को टिकट मिलने की उम्मीद
बीजेपी के राज्य मुख्यालय से मिले इनपुट के मुताबिक नई कार्यकारिणी में जेपीएस राठौर, सुब्रत पाठक, प्रियंका रावत को हटा कर उनकी जगह प्रदेश महामंत्री पद के लिए तीन नए नाम शामिल हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि सुब्रत पाठक कन्नौज से और प्रियंका रावत बाराबंकी से लोकसभा चुनाव में उतर सकती हैं. इसलिए पार्टी ने इन्हें संगठन के दायित्वसे मुक्ति देने का फैसला किया है.
कई नेताओं की बदलेगी जिम्मेदारी
प्रदेश मुख्यालय के सूत्रों के मुताबिक प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रज बहादुर, संतोष सिंह और प्रकाश पाल की जिम्मेदारी बदल सकती है. नई कार्यकारिणी में इन्हें प्रदेश महामंत्री बनाया जा सकता है. दावा तो यह भी किया जा रहा है कि प्रदेश महामंत्री पद की दौड़ में कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह, विधायक श्रीकांत शर्मा व पूर्व मंत्री सुरेश राणा भी शामिल हैं.
मंत्री बनने की वजह से छोड़ना होगा पद
इसी प्रकार प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद शर्मा, दयाशंकर सिंह को प्रदेश सरकार में मंत्री बनाया गया है. वहीं लक्ष्मण आचार्य सिक्किम का राज्यपाल बने हैं. ऐसे में उपाध्यक्ष के तीन पद खाली हो रहे हैं. ऐसे में संभावना है कि प्रदेश मंत्री त्र्यंबक त्रिपाठी व डॉ. चंद्रमोहन की जिम्मेदारी बढ़ा कर उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष या प्रदेश महामंत्री बनाया जाए.
मूल संगठन में आएंगे मोर्चा के पदाधिकारी
बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रांशुदत्त द्विवेदी को मूल संगठन में भेजने की चर्चा है. उनके साथ एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र कनौजिया और किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह को भी मूल संगठन में भेजा जा सकता है. इन्हें उपाध्यक्ष या प्रदेश मंत्री बनाया जा सकता है. इसी प्रकार अन्य क्षेत्रीय टीमों के महामंत्री व उपाध्यक्षों को भी मूल संगठन में शामिल किया जा सकता है.