छत्तीसगढ़ के कोंडागांव-नारायणपुर मुख्य मार्ग में करीब 8 घंटे प्रदर्शन करने के बाद भी भाजपा के नेताओं को नारायणपुर जिला मुख्यालय जाने नहीं दिया गया। पुलिस और जिला प्रशासन की टीम ने लॉ एंड ऑर्डर का हवाला देते हुए सभी को बेनूर में ही रोक लिया था। मंगलवार की दोपहर करीब 2 बजे से शुरू हुआ यह बवाल रात लगभग 9 बजे तक चलता रहा। इस दौरान भाजपा के नेताओं और प्रशासन के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।

आखिरकार भाजपा के 2 सांसद, 2 पूर्व मंत्री, 1 पूर्व गृह मंत्री और 1 विधायक को बैरंग लौटना पड़ा। नारायणपुर जिले में हुई हिंसक झड़प के बाद पुलिस ने भाजपा के जिला अध्यक्ष रूपसाय सलाम समेत 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। जिन्हें जेल भी भेज दिया गया है। सोमवार को हुई इस हिंसक झड़प के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने इस मामले की जांच के लिए एक प्रतिनिधि मंडल का गठन किया था।

इस मंडल में सांसद संतोष पांडेय, मोहन मंडावी, पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, केदार कश्यप समेत विधायक शिवरतन शर्मा शामिल थे। जिन्हें बेनूर गांव में ही रोक लिया गया। पुलिस और जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से नाराज भाजपा नेता सड़क पर बैठ गए और बवाल शुरू कर दिया था। घंटों बैठे रहने के बाद जिले के कलेक्टर अजित वसंत, DIG कमलोचन कश्यप, SP सदानंद कुमार समेत अन्य अफसरों ने उन्हें समझाइश दी और बातचीत करने के लिए राजी किया गया।

जिसके बाद करीब 1 घंटे तक बंद कमरे में बैठक हुई। भाजपा नेताओं ने प्रशासन के सामने मांग रखी कि उन्हें नारायणपुर जाना है। साथ ही भाजपा के जिला अध्यक्ष समेत जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनसे जेल में जाकर मुलाकात करनी है। भाजपाइयों की इस मांग को प्रशासन ने सिरे से नकार दिया। कलेक्टर अजीत वसंत ने भाजपाइयों से कहा था कि, शहर में माहौल अभी शांत है।

अगर वे सभी जाएंगे तो माहौल फिर गरमाएगा। इसलिए लॉ एंड ऑर्डर को ध्यान में रखते हुए जाने की मनाही की गई। प्रशासन की कार्रवाई से नाराज भाजपा के दिग्गज नेता जबरदस्ती जाने की कोशिश किए। हालांकि, उन्हें सुरक्षा में तैनात सैकड़ों जवानों ने रोक लिया। जिसके बाद फिर से बवाल शुरू हुआ। जब प्रशासन की टीम ने उन्हें कहा कि अगर कानून तोड़ते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। इस पर भाजपाइयों ने गिरफ्तारी देने तक की बात कह दी थी।

नेता बोले हमें गिरफ्तार किया, अफसर बोले नहीं हुई ऐसी कोई कार्रवाई

पूर्व मंत्री और भाजपा नेता केदार कश्यप ने कहा कि पुलिस ने हमें गिरफ्तार किया। फिर अंदर SDOP कार्यालय में लेजाकर बिठा दिया था। जिसके बाद हमें मुचलका में छोड़ा गया। फिलहाल अब हम लौट रहे हैं। संगठन से इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और आगे की क्या रणनीति होगी इस पर चिंतन करेंगे। दरअसल, यहीं से भाजपा नेताओं को बैरंग लौटना पड़ा। इधर, गिरफ्तारी के संबंध में SP सदानंद कुमार ने कहा कि, पुलिस ने किसी भी नेता के खिलाफ गिरफ्तारी की कार्रवाई नहीं की है। कलेक्टर अजीत वसंत ने बताया कि शहर में माहौल शांत है।

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