रायपुर। छत्तीसगढ़ के कैबिनेट में मुख्यमंत्री को छोड़कर 12 मंत्रियों का कोटा है याने 1 प्लस 12 कैबिनेट में इस समय दो पद रिक्त हैं। वो ऐसे कि दिसंबर 2023 में विष्णुदेव साय सरकार के गठन के समय एक पद खाली रखा गया था। और दूसरा, बृजमोहन अग्रवाल के सांसद चुने जाने के बाद रिक्त हुआ। याने छत्तीसगढ़ में इस समय 10 मंत्री हैं। अरुण साव, विजय शर्मा, ओपी चौधरी, रामविचार नेताम, केदार कश्यप, दयालदास बघेल, श्यामबिहारी जायसवाल, लखनलाल देवांगन, टंकराम वर्मा और लक्ष्मी राजवाड़े।
संभावना समाप्त नहीं
जाहिर है, नए मंत्रियों को लेकर सूबे में शुरू से उत्सुकता रही है। मंत्री बनने वाले विधायकों को लेकर अटकलों का दौर भी जारी रहा। मई में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की चर्चाएं और तेज हुई थी। मगर बाद में इस पर विराम लग गया कि अब नगरीय निकाय चुनाव के बाद ही दो नए मंत्री बनाए जाएंगे। लेकिन, बीजेपी से जु़ड़े सूत्रों का कहना है कि नगरीय निकाय चुनाव से पहले नए मंत्रियों की संभावना समाप्त नहीं हुई है। अलबत्ता, पार्टी में चर्चाओं का दौर जारी है।
सो, सियासी पंडितों का कहना है कि यदि नगरीय निकाय चुनाव से पहले भी दो नए मंत्रियों का शपथ दिला दी जाए, तो हैरानी नहीं होनी चाहिए। आखिर, दो मंत्रियों की कमी से मंत्रिमंडल के सदस्यों पर वर्कलोड काफी बढ़ गया है। नए मंत्रियों को काम समझने में टाईम लग रहा है। बीजेपी के सीनियर नेता इस बात से अनभिज्ञ नहीं कि कुछ मंत्रियों की विभागों पर पकड़ नहीं बन पाई है तो कुछ ट्रांसफर, पोस्टिंग में अपना वक्त जाया कर रहे हैं।
नए मंत्री, अलग-अलग मत
इसको देखते पार्टी का एक वर्ग नगरीय निकाय चुनाव से पहले नए मंत्रियों का शपथ कराना मुनासिब समझ रहे हैं। उनका मत है कि चीजें बिगड़ने से पहले ठीक कर लिया जाना चाहिए। तो दूसरे वर्ग का मानना है कि नगरीय निकाय चुनाव के बाद नए मंत्रियों का शपथ और लाल बत्ती का वितरण भाजपा के हित में होगा। उससे लोग लगकर निकाय चुनावों में काम करेंगे। इससे रिजल्ट बेहतर आएगा।
ये चाहते हैं नीतीन नबीन
नगरीय निकाय चुनाव से पहले दो नए मंत्री बनाए जाने का प्रयास करने वालों में प्रदेश प्रभारी नीतीन नबीन सबसे आगे बताए जा रहे हैं। नीतीन नबीन चाहते हैं कि दो नए मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल करने के साथ ही संवैधानिक आयोगों में नगरीय निकाय चुनाव से पहले पोस्टिंग हो जाए।
बाकी बोर्ड और निगमों की नियुक्तियां नगरीय निकाय चुनाव के बाद किया जाए। लेकिन, कुछ नेता इस मत से सहमत नहीं बताए जा रहे। असल में, नीतीन नबीन दीवारों पर लिक्खा पढ़ रहे हैं। वे समझ रहे हैं कि सिस्टम को रिचार्ज करने और विपक्ष को खड़ा होने से रोकने के लिए क्या करना चाहिए।
जानिए नितीन नबीन क़े बारे में
नितीन बिहार के बड़े तेज-तर्रार कायस्थ नेता हैं। उनके पिता बिहार जनसंघ के प्रभावशाली शख्सियत रहे हैं। नीतीन को नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में दूसरी बार कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। उन्हें विधानसभा चुनाव से दो साल पहले छत्तीसगढ़ का सह प्रभारी बनाया गया था। विधानसभा चुनाव में आश्चर्यजनक जीत के बाद पार्टी नेतृत्व ने उनका प्रमोशन करते हुए अब प्रदेश प्रभारी बना दिया है। नीतीन नबीन ऐसे पहले प्रदेश प्रभारी होंगे, जिन्होंने विधानसभा चुनाव 2023 से पहले छत्तीसगढ़ का चप्पा-चप्पा छान मारा था।
उनसे ऐसा कोई ब्लॉक मुख्यालय नहीं छूटा, जहां वे नहीं पहुंचे। प्रदेश प्रभारी ओम माथुर उपर का काम देख रहे थे मगर जमीनी जिम्मेदारी नीतीन नबीन के कंधों पर थी। बीजेपी के कई नेता मानते हैं कि नीतीन नबीन ने पिछले दो साल में छत्तीसगढ़ का जितना दौरा किया है, उतना पार्टी के लोकल नेताओं ने भी नहीं किया होगा। पार्टी प्रत्याशियों से सतत संपर्क रखने के साथ ही चुनाव सामग्री को 90 विधानसभाओं में पहुंचाने के काम को भी उनके नेतृत्व में अंजाम दिया गया। उनकी सियासी कुशलता को देखकर ही पार्टी ने प्रमोशन किया।