
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने तखतपुर नगर पालिका को करारा झटका देते हुए कहा है कि रेलवे की जमीन से कब्जा हटाने का अधिकार स्थानीय निकाय के पास नहीं है। यह फैसला उन गरीब व्यवसायियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है जो वर्षों से रेलवे जमीन पर गुमटी, ठेला आदि लगाकर जीविका चला रहे हैं।
तीन दशक से व्यवसाय कर रहे लोग थे बेदखली के निशाने पर

तखतपुर के मंडी चौक क्षेत्र में स्थित रेलवे की खसरा नंबर 429/1, रकबा 23.41 एकड़ जमीन पर पिछले 30 वर्षों से गुपचुप, चाय, फल-सब्जी, एग रोल, गन्ना रस, लांड्री आदि छोटे व्यवसाय संचालित हो रहे हैं। यहां कई परिवारों की आजीविका इसी पर टिकी हुई है। रेलवे विभाग ने कभी इन लोगों को हटाने की कार्रवाई नहीं की थी, लेकिन हाल ही में नगर पालिका तखतपुर ने इन्हें नोटिस भेजकर बेदखली का प्रयास शुरू कर दिया।
याचिका के जरिए मांगी गई न्याय की गुहार
इस कार्रवाई से आहत होकर व्यवसायियों – सुरेश देवांगन उर्फ भाउराम, राजेश ठाकुर, प्रमोद महरा, विकास देवांगन, अब्दुल हबीब खान, शिवकुमार, शहजादा, अजमेर शाह सहित अन्य लोगों ने अपने अधिवक्ता मिर्जा हफीज बेग के माध्यम से हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की।
हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए स्पष्ट किया – नगर पालिका का कोई अधिकार नहीं
हाई कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए नगर पालिका को आदेश दिया कि वह तत्काल प्रभाव से किसी भी व्यवसायी को रेलवे भूमि से हटाने की कोशिश न करे। कोर्ट ने दोहराया कि केवल रेलवे विभाग ही इस जमीन पर वैधानिक कार्रवाई कर सकता है, स्थानीय निकाय नहीं।
पहले भी मिल चुकी है राहत – कोर्ट का रुख हमेशा संवेदनशील
यह पहली बार नहीं है जब कोर्ट ने ऐसी कार्यवाही पर रोक लगाई हो। वर्ष 2024 में रिट याचिका क्रमांक 470/2024 पर भी न्यायालय ने इसी तरह की कार्रवाई को अवैधानिक बताते हुए राहत दी थी। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे अपने व्यवसाय की जानकारी रेलवे विभाग को दें, ताकि भविष्य में कोई भ्रम या विवाद न उत्पन्न हो।
