गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री और पूर्वोत्तर में बीजेपी के प्रमुख हिमंत बिस्वा सरमा ने क्षेत्र के तीन राज्यों में होने वाले आगामी चुनावों में पार्टी की भारी जीत की भविष्यवाणी की है. सरमा ने एक विशेष इंटरव्यू में बताया, “मेघालय में बीजेपी एक अधिक महत्वपूर्ण राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरेगी. त्रिपुरा में हम बड़े बहुमत से सत्ता बनाए रखेंगे और नगालैंड में हम फिर से एनडीपीपी के साथ सरकार बनाएंगे.”
मेघालय और नगालैंड के लिए गुरुवार को पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा के साथ भाजपा इस महीने के अंत में होने वाले महत्वपूर्ण चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार है. त्रिपुरा में 16 फरवरी को चुनाव होने हैं और इसके बाद मेघालय और नगालैंड में 27 फरवरी को मतदान होगा. तीनों राज्यों में सत्ता में काबिज बीजेपी के लिए यह 2024 के आम चुनाव से पहले की चुनौती है.
पिछली बार त्रिपुरा में उसने ऐतिहासिक जनादेश से अकेले दम पर 36 सीटें जीतने के बाद आईपीएफटी के साथ सरकार बनाई थी. अन्य दो राज्यों में भी उसने क्षेत्रीय शक्तियों के साथ गठजोड़ किया था. सरमा ने कहा, “बीजेपी ने त्रिपुरा को बदल दिया है. वामपंथी शासन के दौरान लोग सरकार से डरे हुए थे.” इस बार त्रिपुरा में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए लेफ्ट और कांग्रेस ने गठबंधन किया है.
वाम मोर्चा राज्य की 60 में से 47 सीटों पर चुनाव लड़ेगा, जबकि कांग्रेस के लिए सिर्फ 13 सीटें होंगी. भाजपा कुल 60 सीटों में से 55 पर चुनाव लड़ेगी और आईपीएफटी पांच सीटों पर चुनाव लड़ेगी. मेघालय में वर्तमान में भाजपा और चार अन्य क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ गठबंधन में कोनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी का शासन है. छह दलों वाला मेघालय डेमोक्रेटिक एलायंस 50 वर्षों में कार्यकाल पूरा करने वाला तीसरा गठबंधन है.
लेकिन सत्तारूढ़ गठबंधन में हाल के महीनों में दरार बढ़ती हुई देखी गई है और भाजपा ने सभी 60 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस राज्य में चुनाव लड़ने जा रही बड़ी पार्टी है. यह पहले से ही सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है, जिसमें कांग्रेस के 17 में से 12 विधायक पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के नेतृत्व में शामिल हो गए हैं.
नगालैंड में भाजपा ने 2018 में 12 सीटें जीती थी और नेफ्यू रियो की NDPP के नेतृत्व वाली सरकार में भागीदारी थी. इस बार पार्टी एनडीपीपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है. 60 सीटों में से एनडीपीपी 40 तो बीजेपी 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. सरमा ने कहा, “पूर्वोत्तर में भाजपा के लिए सबसे बड़ी ताकत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सद्भावना है. पूर्वोत्तर में इस बार भाजपा के लिए जीत का अंतर बहुत बड़ा होगा.”