छत्तीसगढ़ में उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत स्वयंसेवी शिक्षक के रूप में कार्य करने वाले 10वीं और 12वीं के 7000 छात्रों को अब उनकी बोर्ड परीक्षा में 10-10 बोनस अंक दिए जाएंगे। यह पहला मौका है जब छात्रों की सामाजिक भागीदारी का सीधा लाभ परीक्षा परिणामों में मिलेगा।

बोर्ड को भेजी गई छात्रों की सूची, रिजल्ट के साथ जुड़ेंगे अंक

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी प्रशांत कुमार पांडेय ने बताया कि चिन्हित छात्रों की सूची छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल को भेज दी गई है। इन छात्रों को बोनस अंक बोर्ड परीक्षा परिणाम में शामिल किए जाएंगे, जिससे उन्हें अतिरिक्त लाभ मिलेगा।

छात्रों ने निभाई शिक्षक की भूमिका, 4.60 लाख लोग हुए साक्षर

इन छात्रों ने प्रदेशभर में हजारों निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने में अहम भूमिका निभाई। 23 मार्च को आयोजित राष्ट्रव्यापी महापरीक्षा में करीब 5 लाख शिक्षार्थी शामिल हुए, जिनमें से 4.60 लाख ने सफलता प्राप्त की। ये सभी शिक्षार्थी इन्हीं स्वयंसेवी छात्रों द्वारा नि:शुल्क शिक्षित किए गए थे।

2030 तक सभी को साक्षर बनाने का लक्ष्य

उल्लास कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश सरकार ने 2030 तक सभी निरक्षर नागरिकों को साक्षर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस साल 10 लाख निरक्षरों को साक्षर बनाने का टारगेट तय किया गया है, जिसमें 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग शामिल हैं।

1 लाख स्वयंसेवी शिक्षकों की तैयारी

इस जन अभियान को सफल बनाने के लिए 1 लाख स्वयंसेवी शिक्षकों की नियुक्ति का लक्ष्य भी रखा गया है। सितंबर और मार्च में हर साल दो बार देशव्यापी साक्षरता परीक्षा आयोजित की जाती है, जिसमें शिक्षण की गुणवत्ता का मूल्यांकन होता है।

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