
दुर्ग, छत्तीसगढ़ | ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) की संयुक्त टीम ने बुधवार सुबह दुर्ग में बड़ा एक्शन लिया। मोक्षित कॉर्पोरेशन के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर बड़ी जांच कार्रवाई शुरू की गई है। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) में हुए 650 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ी हुई है।
एक साथ तीन जगहों पर रेड, CRPF का कड़ा पहरा
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दुर्ग के तीन आवासीय परिसरों और एक कार्यालय को एक साथ टारगेट कर रेड की गई।
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सुरक्षा को देखते हुए CRPF के जवान बड़ी संख्या में मौके पर तैनात किए गए।
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किसी भी बाहरी व्यक्ति को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।
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करीब दो दर्जन से अधिक अधिकारी इस ऑपरेशन में शामिल रहे।
मोक्षित कॉर्पोरेशन पर क्यों हुई कार्रवाई?
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सूत्रों के मुताबिक, मोक्षित कॉर्पोरेशन की भूमिका CGMSC घोटाले में संदिग्ध पाई गई है।
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ईडी और ईओडब्ल्यू को दस्तावेजों और ट्रांजेक्शन से जुड़े कई अहम सबूत मिलने की संभावना है।
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जांच एजेंसियों का फोकस इस बात पर है कि मोक्षित कॉर्पोरेशन को अनुबंध कैसे मिले और भुगतान की प्रक्रिया में क्या गड़बड़ी हुई।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
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इस घोटाले में करीब 6 महीने पहले भी ईओडब्ल्यू और एसीबी की संयुक्त छापेमारी हो चुकी है।
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अब मामला प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में आने के बाद कार्रवाई और गंभीर हो गई है।
एजेंसियों की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं
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अब तक ईडी और ईओडब्ल्यू की ओर से कोई आधिकारिक प्रेस नोट जारी नहीं किया गया है।
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लेकिन जांच से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आगे और भी कई नाम सामने आ सकते हैं।
