रायपुर। रायपुर रेलवे स्टेशन में नो-पार्किंग में आए दिन जुर्माने की राशि को लेकर विवाद होता है. इस विवाद से लोगों को रोजाना परेशानी न हो इसके लिए कलेक्टर रायपुर के नेतृत्व में बैठक आयोजित हुई, जिसमें फैसला लिया गया कि अब नो-पार्किंग में गाड़ियों पर लॉक नहीं लगेगा. लेकिन बैठक में रेलवे के अधिकारियों ने बड़ी चालाकी से ये बात छिपा ली कि जुर्माने की राशि में ठेकेदार को सिर्फ पार्किंग शुल्क यानी दूपहिया का 10 रुपए और कार का 20 रुपए जाता है. जबकि रेलवे को पैनालटी के नाम पर ठेकेदार जो वसूली करता है उसका 40 रुपए दूपहिया का और 80 रुपए चार पहिया का जाता है।
अब सवाल ये है कि कमर्शियल विभाग के अधिकारियों ने बैठक में ये बात क्यों छिपाई ? पार्किंग ठेकेदार के सूत्रों का कहना है कि रेलवे उनसे जुर्माना भी वसूली करवाता है औऱ सेफ्टी के लिए न तो अपने स्टॉफ देता है, न आरपीएफ और न जीआरपी के स्टॉफ को देता है. ऐसी स्थिति में रोजाना हो रहे विवाद के कारण अब वे रायपुर रेलवे स्टेशन के पार्किगं का ठेका छोड़ने की तैयारी कर रहे है. यदि ऐसा होता है रायपुर रेल मंडल में सीनियर डीसीएम की ज्वाईनिंग के बाद बाद ही रेलवे के राजस्व को करोड़ों का नुकसान होगा।