Mystery Of Titanic: टाइटैनिक जहाज का डूबना विश्व इतिहास की सबसे बड़ी तस्वीरों में से एक है. यह दुनिया जब तक रहेगी, टाइटैनिक जहाज के डूबने की कहानी हमेशा लोगों के कानों में तैरती रहेगी. तमाम किस्सों-कहानियों के माध्यम से लोग आज भी इसके बारे में बड़े चाव से ही सुनते हैं. लेकिन यह सच है कि इस त्रासदी में हजारों लोग मारे गए थे. टाइटैनिक जहाज के डूबने को 111 साल बीत चुके हैं, लेकिन अब भी जब इससे जुड़ी कोई खबर सामने आती है तो लोगों का ध्यान उधर जरूर जाता है. इसी कड़ी में एक और खबर हाल ही में सामने आई जब टाइटैनिक जहाज के मलबे से एक बेशकीमती चीज मिली है.
तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा –
दरअसल, इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में एक खोज के माध्यम से टाइटैनिक जहाज के मलबे से सोने का एक बेशकीमती हार बरामद किया गया है. इस हार की सबसे बड़ी खास बात यह है इसे दुर्लभ शार्क मछली के दांतों से बनाया गया था. बताया गया कि इस हार का पता तब लग पाया है जब एक लंबे अंडरवाटर स्कैनिंग प्रोजेक्ट के माध्यम से टाइटैनिक के मलबे की तस्वीरों को प्रोजेक्ट में उतारा गया. इसी प्रोजेक्ट में कुल सात लाख तस्वीरें ली गईं और इनसे पूरी जगह का एक स्कैन बनाया और फिर इसी में यह हार मिला है.
दुर्लभ शार्क मछली के दांतों से बना –
रिपोर्ट के मुताबिक इस सोने के हार को मेगाडॉन नामक शार्क के दांत से बनाया गया था. यह एक दुर्लभ मछली हुआ करती थी जो अब लगभग विलुप्त हो चुकी है. इस प्रोजेक्ट की तस्वीरों में यह दांत साफ दिखाई दे रहा है. प्रोजेक्ट के एक अधिकारी रिचर्ड पार्किंसन ने इस खोज को सुंदर और चौंकाने वाला बताया है. लेकिन इसे वहां से निकालने में कई पेंच फंसे हुए हैं. असल में ब्रिटेन और अमेरिका के बीच एक समझौते के कारण हार को मलबे से नहीं हटाया जा सकता है. लेकिन इसके बावजूद प्रोजेक्ट में लगी फर्म अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से उस परिवार को ट्रैक करने की उम्मीद कर रही है, जो हार के असली मालिक हैं.
मलबे को लेकर नई उम्मीद बांधी –
बताया जा रहा है कि इस दौरान एआई हार पहनने वाली महिला को खोज सकता है. अगर ऐसा हुआ तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं होगा. एक अन्य रिपोर्ट में इस प्रोजेक्ट के बारे में बताया गया है. इस प्रोजेक्ट के वीडियो में टाइटैनिक जहाज का पूरा मलबा अब भी नजर आ रहा है. पता चलता है कि टाइटैनिक दो हिस्सों में है. फिलहाल इस तरह के प्रोजेक्ट ने टाइटैनिक जहाज के मलबे को लेकर नई उम्मीद बांधी है कि आने वाले समय में हो सकता है कुछ और बेशकीमती चीजें की खोज की जा सकें, जो अब तक टाइटैनिक के मलबे से नहीं निकाली जा सकी हैं.
मलबा अब भी समुद्र में है –
बता दें कि टाइटैनिक त्रासदी 111 साल पहले तब हुई थी जब यह जहाज अपनी पहली और आखिरी यात्रा पर थी. जहाज 10 अप्रैल, 1912 को ब्रिटेन के साउथेम्प्टन बंदरगाह से अमेरिका के न्यूयॉर्क के लिए निकला था, तभी उत्तर अटलांटिक महासागर में एक बर्फ के बड़े चट्टान से टकरा गया था और इसके दो टुकड़े हो गए थे. इस हादसे में टाइटैनिक डूब गया था और डेढ़ हजार से अधिक लोग मारे गए थे. इसका मलबा अब भी पूरी तरह से नहीं निकाला जा सका है.