
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में एक बड़ा ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें 151 महिलाओं से करीब 70 लाख रुपये की ठगी की गई।
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रायपुर निवासी राखी ध्रुव और पूनम नायक नाम की दो महिलाओं ने खुद को रोजगार प्रदाता बताते हुए आटा चक्की यूनिट लगाने का झांसा दिया।
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उन्होंने महिलाओं से आधार कार्ड, फोटो और बैंक लोन की प्रक्रिया पूरी कराई।
हर समूह से वादा – मिलेगा रोजगार और 6 हजार रुपये मासिक मानदेय

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आरोपियों ने महासमुंद शहर, आरंग, और मुड़ियाडीह गांवों में 10-10 महिलाओं के स्वरोजगार समूह बनाए।
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प्रत्येक समूह को कहा गया कि उन्हें आटा चक्की यूनिट लगानी होगी और 6,000 रुपये महीने मानदेय मिलेगा।
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बैंक से 40-40 हजार रुपये का लोन लेने को कहा गया, और फिर पूरी राशि खुद रख ली गई।
किस्तें जमा होनी बंद हुईं, तब खुला राज़
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शुरुआत में आरोपी कुछ महीनों तक बैंक की ईएमआई जमा करती रहीं ताकि महिलाओं को शक न हो।
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6 महीने बाद किस्त जमा होना बंद हुआ और बैंक ने वसूली शुरू की।
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ठगी का एहसास होने पर पीड़ित महिलाएं थाने पहुंचीं और रायपुर से दोनों ठगों को गिरफ्तार किया गया।
ठगी की रकम का ब्योरा
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महासमुंद की 50 महिलाएं – ₹28.38 लाख
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आरंग की 79 महिलाएं – ₹31.60 लाख
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मुड़ियाडीह की 22 महिलाएं – ₹8.80 लाख
👉 कुल ठगी – ₹68.78 लाख (करीब 70 लाख रुपये)
पहले भी दर्ज हैं ठगी के मामले
एडिशनल एसपी प्रतिभा पाण्डेय के मुताबिक, इन दोनों महिलाओं पर दुर्ग जिले के उतई थाने में पहले से भी दो ठगी के मामले दर्ज हैं।
पीड़ित महिला की आपबीती
प्रिया देवांगन ने बताया:
“हमसे कहा गया कि मां दंतेश्वरी लघु उद्योग के तहत आटा चक्की लगानी है, रोजगार मिलेगा। पहले महीने पैसे भी मिले, पर बाद में बैंक लोन का पैसा ले लिया और भाग गईं।”
डर के मारे घरवालों को नहीं बताया
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कई महिलाओं ने डर के कारण अपने परिवार तक को नहीं बताया कि उन्होंने लोन लिया है।
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अब बैंक से नोटिस मिलने के बाद परिजन भी चिंता में हैं।
