
बैंक खातों को किराए पर देकर हो रही थी लाखों की ठगी, दुर्ग पुलिस की साइबर सेल की बड़ी कार्रवाई
दुर्ग, छत्तीसगढ़। दुर्ग पुलिस ने साइबर क्राइम के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत म्यूल अकाउंट के जरिए हो रही ऑनलाइन ठगी का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस नेटवर्क से जुड़े 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके बैंक खातों से कई राज्यों के लोगों से लाखों रुपये की ठगी की गई थी।
क्या होता है म्यूल अकाउंट और कैसे होता है फ्रॉड?
म्यूल अकाउंट वे बैंक खाते होते हैं जिन्हें व्यक्ति पैसे लेकर साइबर अपराधियों को किराए पर देते हैं। अपराधी इन खातों का उपयोग फर्जी लेन-देन और ठगी की रकम छुपाने के लिए करते हैं। पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग अपने खातों को इस तरह इस्तेमाल करवा रहे हैं।

ACCU और तीन थाना क्षेत्रों की संयुक्त कार्रवाई
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह और DIG अमरेश मिश्रा के निर्देश पर गठित टीम ने थाना सुपेला, मोहन नगर और भिलाई नगर के सहयोग से बड़ी कार्रवाई की।
गिरफ्तार आरोपी इस प्रकार हैं:
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प्रशांत विश्वकर्मा
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मोंटू कुमार
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रफीक खान
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समीर वर्मा
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विपिन शुक्ला
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मोहम्मद कलाम
कैसे खुला पूरा नेटवर्क?
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उत्कर्ष बैंक के दो खाताधारक प्रशांत और मोंटू ने स्वीकारा कि उन्होंने पैसे लेकर अपने खाते साइबर ठगों को दिए।
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इन खातों से करीब ₹29,036 की ठगी की गई थी।
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एक अन्य आरोपी रफीक खान ने भी PNB खाते के जरिए महाराष्ट्र और गुजरात के लोगों से ₹50,000 की ठगी में भागीदारी स्वीकारी।
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बैंक ऑफ इंडिया के खातों के जरिये ₹3 लाख का लेन-देन हुआ, जिनमें समीर वर्मा, विपिन शुक्ला और मोहम्मद कलाम शामिल थे।
पुलिस की अपील: म्यूल अकाउंट से रहें सावधान
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी हाल में अपना बैंक खाता या दस्तावेज किसी को किराए पर न दें। ऐसा करना अपराध की श्रेणी में आता है और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
अब क्या होगा आगे?
पुलिस साइबर नेटवर्क के पीछे काम कर रहे संगठित गिरोह की भी पहचान कर रही है। आने वाले दिनों में इस नेटवर्क से जुड़े और लोगों पर भी कार्रवाई संभव है।
